दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। मिथिला पेंटिंग की मांग बनी हुई है। यह पेटिंग की बहुचर्चित शैली है। अगर इसे आधुनिकता के रंग में ढ़ाला जाए तो यह मार्केट में और ज्यादा पसंद की जाएगी। अगर मिथिला पेंटिंग को रोजाना पहनने वाले कपड़ों पर उकेरा जाए तो नई पीढ़ी इसे हाथों-हाथ लेगी। यह बात स्वयंसेवी संस्था डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से कामेश्वरी प्रिया पूअर होम में स्थायी रूप से चल रहे महिला स्वावलंबन केंद्र में मिथिला पेंटिंग शिविर का उद्घाटन करते हुए पूअर होम के अधिकारी प्रभु नारायण लाल ने कही।
श्री लाल ने बताया कि मिथिला पेंटिंग का इतिहास जितना पुराना है उतना ही स्वर्णिम इसका भविष्य भी दिखता है। हाल-फिलहाल में सरकार इसपर विशेष रूप से ध्यान दे रही है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पेंटिंग व इससे जुड़े कलाकारों के दिन बहुरेंगे। मौके पर उपस्थित प्रशिक्षिका राधा देवी ने देशज टाइम्स को बताया कि इस स्वालंबन केंद्र की ओर से अबतक सैंकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कई महिलाएं अपना स्वरोजगार भी कर रही हैं। इस शिविर में मिथिला पेंटिंग की प्राचीन शैलियों के साथ-साथ विशेष तौर पर प्रकृति के नजारों को चित्रण करना सिखलाया जाएगा।
अबतक कुल 26 छात्राओं का नामांकन किया जा चुका है। नामांकन कार्य अगले सप्ताह तक जारी रहेगा। कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के अनिल कुमार सिंह ने किया। मौके पर गुड़िया देवी, निखत प्रवीण, निवेदिता कुमारी, जीतन प्रवीण, साक्षी कुमारी, फरजाना प्रवीण, लक्ष्मी देवी, अंजू प्रवीण समेत अन्य उपस्थित थीं। 


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