दरभंगा। जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में जिला निबंधन-सह-परामर्श केन्द्र के माध्यम से चलायी जा रही मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत बिहार स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा प्रोग्राम की समीक्षा हुई।
समीक्षा के दौरान पाया गया कि बिहार स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना में जिले की स्थिति बिहार में अच्छी नहीं है। 40 हजार 112 स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड निर्गत करने के निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 6,233 विद्यार्थियों को ही स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड दिया गया है।
इस योजना के तहत बिहार निवासी वैसे विद्यार्थी जिन्होंने, बिहार राज्य से 12वीं कक्षा उत्तीर्ण की हो तथा उच्च शिक्षा हेतु ऋण के लिए इच्छुक हों, को अनुसूचित बैंकों के माध्यम से 4 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके लिए अनिवार्य है कि विद्यार्थी की ओर से बिहार एवं अन्य राज्य या केन्द्र सरकार के संबंधित नियामक एजेन्सी की ओर से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन लिया गया हो या नामांकन के लिए चयनित हो।
यह ऋण उच्च शिक्षा के सामान्य पाठ्यक्रम एवं विभिन्न व्यवसायिक/तकनीकी पाठ्यक्रमों यथा-बीए/बीएससी/इंजीनियरिंग/एमबीबीएस/प्रबंधन/विधि आदि के लिए दी जाती है।
इस योजना के अन्तर्गत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मान्यता प्राप्त संस्थान से इन्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी, सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री एजुकेशन एवं समतुल्य अन्य बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थान से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी, बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थान से उप शास्त्री उत्तीर्ण विद्यार्थी एवं बिहार राज्य मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थान से मौलवी उत्तीर्ण विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। ऐसी शिक्षण संस्थान का बिहार में अवस्थित होना अनिवार्य है।
इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने के लिए ऋण के लिए आवेदन करने की तिथि को आवेदक की आयु 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यदि आवेदक के पास एक स्तर की उपाधि परिलब्ध है, तो उसी स्तर की उपाधि के लिए इस योजनान्तर्गत आच्छादन नहीं किया जाएगा। यह प्रावधान तकनीकी अथवा प्रबंधकीय पाठ्यक्रमों पर लागू नहीं होगा।
उदाहरणस्वरूप विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त व्यक्ति को पुनः कला, विज्ञान के किसी अन्य संकाय में अथवा वाणिज्य में स्नातक स्तर की शिक्षा हेतु इस योजनान्तर्गत ऋण नही दिया जा सकेगा। परंतु विज्ञान, कला अथवा वाणिज्य में स्नातक योग्यताधारी आवेदक को एमबीए अथवा एमसीए करने के लिए योजनान्तर्गत आच्छादन की पात्रता रहेगी।
जिलाधिकारी श्री रौशन ने मार्च महीने में इस योजना के तहत आवेदन की संख्या बढ़ाकर 10 हजार करने का लक्ष्य जिला प्रबंधक, डीआरसीसी विकास कुमार को दिया।
उन्होंने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, शिक्षा को लंबित आवेदनों का निष्पादन मार्च महीने में करने का निर्देश दिया। बैठक में बताया गया कि 400 आवेदन निष्पादन के लिए लंबित हैं।
जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा
कि डीआरसीसी में अधिक से अधिक आवेदन की प्राप्ति हो, प्राप्त आवेदनों का शत्-प्रतिशत् निष्पादन हो, साथ ही वित्त निगम से स्वीकृति दिलायी जाए एवं विद्यार्थियों को ससमय ऋण का भुगतान कराया जाए।
मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले का लक्ष्य 01 लाख 32 हजार 706 दिया गया था, जिनमें से 11 हजार 756 इंटर पास 20 से 25 वर्ष तक के बेरोजगार युवकों को मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना के तहत दो वर्षों तक 01-01 हजार रूपये प्रतिमाह के दर से 24-24 हजार रूपये उपलब्ध कराये गए हैं।
जिलाधिकारी श्री रौशन ने इतनी कम उपलब्धि पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इन योजनाओं के प्रति विद्यार्थियों एवं बेरोजगार युवक/युवतियों में जागरूकता लाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश जिला योजना पदाधिकारी को दिया।
उन्होंने कहा कि सभी उच्च विद्यालय में फ्लेक्स लगवाया जाए। योजना की जानकारी आधारित छोटा वीडियो बनाकर संचार माध्यमों से प्रसारित करवाया जाए तथा जिले के सभी महाविद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाए एवं नव निर्वाचित पंचायत जनप्रतिनिधियों को भी इन योजनाओं की जानकारी दी जाए।
उन्होंने कहा कि जीविका अपने दीदीयों के बीच जागरूकता कराएं कि यदि इंटर पास बेरोजगार 20 से 25 वर्ष तक के युवक/युवती हैं, तो वे मुख्यमंत्री निश्चय स्वंय सहायता भत्ता योजना का लाभ दो वर्ष तक ले सकते हैं।
इस योजना के तहत 20 वर्ष से 25 वर्ष तक के बेरोजगार इंटर पास युवक/युवतियों को 01 हजार रूपये प्रति माह के दर से 02 वर्षों तक स्वंय सहायता भत्ता प्रदान किया जाता है।
कुशल युवा प्रोग्राम में भी जिले की स्थिति अच्छी नहीं पायी गयी। जिलाधिकारी ने डी.आर.सी.सी. के सभी संबंधित सहायक प्रबंधकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 01 माह के अन्दर इस कार्यक्रम में प्रगति नहीं होती है, तो फिर आपकी सेवा का विस्तार आगे से नहीं की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, कुशल युवा प्रोग्राम के अन्तर्गत 15 से 28 वर्ष तक के 10वीं. कक्षा उर्तीण युवाओं के व्यवहार कौशल विकास, संचार कौशल एवं बूनियादी कम्प्यूटर जानकारी प्रदान कर उनके रोजगार क्षमता को बढ़ाया जाता है। इस प्रोग्राम के अन्तर्गत अत्यंत पिछड़ी जाति के लिए उम्र सीमा 31 वर्ष तक तथा एस.सी./एस.टी. एवं पी.डब्लू.डी. के लिए उम्र सीमा 33 वर्ष निर्धारित है।
बैठक में उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला योजना पदाधिकारी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज, जिला प्रबंधक, डीआरसीसी विकास कुमार, डीपीएम जीविका मुकेश तिवारी सुधांशू एवं संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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