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23 दिसम्बर, 2024
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दरभंगा की गलियों में कचरा बीननेवाले दिनेश, सोनू, अंजली, फरजाना, सरोज, श्याम, आरजू बने पर्यावरण संरक्षण दूत, कहा, गंदगी को हम हटाते हैं और गंदे कहलाते हैं, पर जो गंदगी फैलाते है वे कैसे अच्छे बन जाते है…

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दरभंगा की गलियों में कचरा बीननेवाले दिनेश, सोनू, अंजली, फरजाना, सरोज, श्याम, आरजू बने पर्यावरण संरक्षण दूत, कहा, गंदगी को हम हटाते हैं और गंदे कहलाते हैं, पर जो गंदगी फैलाते है वे कैसे अच्छे बन जाते है…

दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। पर्यावरण तभी प्रदूषण मुक्त हो सकता है जब आमलोगों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होगा। लोगों को समझना होगा कि जिस तरह से हम अपने घर-आंगन को स्वच्छ रखते हैं उसी तरह से सड़क-मोहल्ले को भी स्वच्छ रखें। वातावरण को प्रदूषित बनाने में प्लास्टिक कचरे का खतरनाक योगदान है। इसलिए इसे यत्र-तत्र न फेकें। उपरोक्त बातें स्वयंसेवी संस्था डॉ. प्रभात दास फाउंडेशन की ओर से पर्यावरण संरक्षण में आमलोगों की भूमिका पर आयोजित संगोष्ठी सह सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य सह पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. विद्यानाथ झा ने कही।

डॉ. झा ने बताया कि धरती से प्लास्टिक कचरे को हटाने में कूड़ा-कचरा बीननेवालों की अहम भूमिका है। भले ही यह कार्य ये लोग अपनी जीविका के लिए करते हैं पर असल में ये पर्यावरण का भला कर रहे हैं। अगर ये लोग अपना कार्य ना करें तो धरती पर प्लास्टिक कचरे का अंबार लग जाएगा। फिर दरभंगा शहर तो मेडिकल कचरे के लिए जाना जाता है। यहां प्लास्टिक से बने उपकरण बिखरे रहते हैं जिसे हटाकर कचरा बीनने वाले पर्यावरण की सेहत को बचा रहे हैं। शायद इसलिए ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इनको चिन्हित किया है और माना है कि ग्लोबल वार्मिंग रोकने में कचरा बीननेवालों का सर्वाधिक योगदान है।

दरभंगा की गलियों में कचरा बीननेवाले दिनेश, सोनू, अंजली, फरजाना, सरोज, श्याम, आरजू बने पर्यावरण संरक्षण दूत, कहा, गंदगी को हम हटाते हैं और गंदे कहलाते हैं, पर जो गंदगी फैलाते है वे कैसे अच्छे बन जाते है…

फाउंडेशन ने इन्हें सम्मानित कर अनुकरणीय कार्य किया है। एमएलएलएस कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. मो. शौकत अंसारी ने कहा कि हर धर्म कहता है कि साफ-सफाई से रहो, पर्यावरण को स्वच्छ रखो फिर भी नासमझी के कारण हम लोग वातावरण को दूषित कर रहे है। जिसका दुष्परिणाम हमें ही भोगना पड़ा रहा है। अगर हम नहीं चेतते है तो आनेवाले दिनों में हमारे अस्तित्व पर भी खतरा उत्पन्न हो जाएगा।

मौके पर उपस्थित कचड़ा व्यवसायी गणेश पूर्वे ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण से ही आनेवाली पीढ़ी सुरक्षित रहेगी। हमलोग तो जाने-अनजाने ही पर्यावरण संरक्षण अभियान में शामिल हैं। पर तकलीफ तब होती जब लोग हमें हेय दृष्टि देखते है। पूर्वे ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, गंदगी को हम हटाते हैं और गंदे कहलाते हैं, पर जो गंदगी फैलाते है वे कैसे अच्छे बन जाते है…।

स्वयंसेवी संस्था डॉ.प्रभात दास फाउंडेशन ने इस अवसर पर शहर की गलियों में कचरा बीननेवाले दिनेश सहनी, सोनू गुप्ता, अंजली देवी, फरजाना खातुन, सरोज कुमार, श्याम कुमार, मो. आरजू सहित कुल आठ लोगों को पर्यावरण संरक्षण दूत के रूप में सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्वागत व संचालन डॉ. रामचंद्र चंद्रेश ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने दिया। मौके पर शंभु प्रसाद जायसवाल, अनुप कुमार झा, फाउंडेशन के राजकुमार गणेशन, अनिल सिंह, मनीष आनंद, नवीन झा समेत अन्य उपस्थित थे।

दरभंगा की गलियों में कचरा बीननेवाले दिनेश, सोनू, अंजली, फरजाना, सरोज, श्याम, आरजू बने पर्यावरण संरक्षण दूत, कहा, गंदगी को हम हटाते हैं और गंदे कहलाते हैं, पर जो गंदगी फैलाते है वे कैसे अच्छे बन जाते है…

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