विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने झारखंड की सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर लड़ने की घोषणा की है। वीआईपी के संस्थापक और बिहार के पशुपालन मंत्री मुकेश साहनी ने शुक्रवार को रांची में इसकी घोषणा की।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए साहनी ने कहा कि झारखंड में भी अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए समाज के लोगों को एकजुट होना पड़ेगा। उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि चार साल इनके पीछे घूमा, लेकिन इन्होंने मल्लाह समाज को दरकिनार करने का काम किया। 2019 में यूपीए के साथ गठबंधन में तीन सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन चुनाव हार गया।
भले ही चुनाव हार गया, लेकिन संघर्ष करना नहीं छोड़ा है। हमारे पास चार विधायक हैं, लेकिन 74 विधायक वाले दल से हम कम नहीं हैं, जिस विभाग का मैं मंत्री हूं, वहां नयी नीति बना कर मल्लाह जाति को आर्थिक रूप से सबल बनाने का काम किया।
मुकेश सहनी ने कहा
कि हम ऐसे लोग हैं जो यूपी, बिहार और झारखंड में सरकार बनाने का दम रखते हैं। मात्र छह महीने में यूपी में संगठन बना कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। भले ही चुनाव हार गए, लेकिन अभी हौसला नहीं हारे हैं। मैं जाति की राजनीति नहीं करता हूं, मैं परिवार की राजनीति करता हूं।
झारखंड में मल्लाह जाति के लोग अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। मुझे दिल्ली पर चढ़ाई करने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि 2024 से पहले हम झारखंड में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। हम अपने दम पर झारखंड में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए आने वाले समय में पार्टी के विस्तार की रूपरेखा तय करते हुए हर एक विधानसभा में दो दिवसीय कार्यक्रम किया जाएगा।
इससे पहले, श्री सहनी भगवान बिरसा मुंडा और जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हुए वीआईपी पार्टी का झारखंड में शुभारंभ करते पार्टी कार्यालय का उद्घाटन किया। कहा, झारखंड सत्ता की नहीं निषादों और अति पिछड़ों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने आए हैं।
श्री सहनी ने कहा कि हमलोग जब से अति पिछड़ों के आरक्षण को 15 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की है, तब से राजनीतिक दलों के वे निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आज इसी हक की लड़ाई लडने के लिए लोगों का प्यार मिलता है, तो फिर क्यों नहीं इनके हक अधिकार की लड़ाई लड़ूं?
कहा कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य निर्माण करने का मुख्य उद्देश्य था कि झारखंड का विकास हो सके। समाज के निचले, दबे कुचलों को उनका अधिकार मिल सके तथा वनवासियों को विकास के पथ पर लाया जा सके। झारखंड जन्म के बाद युवा हो गया, लेकिन आज भी यहां के लोगों की वही स्थिति बनी हुई है। यहां के युवा पलायन कर रहे हैं, मानव तस्करी के जरिए यहां की लड़कियों का शोषण हो रहा है।