दरभंगा के जाले में कृषक और कृषि क्षेत्र में रोज नए-नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कृषि सिंचाई का प्रबंध सोलर सिस्टम से किया है। इससे खेतों के फसल की सिंचाई की (Irrigation of fields with solar system) जाएगी।
कृषि विज्ञान केंद्र जाले के कृषि प्रक्षेत्र में सोमवार को सोलर सिस्टम चलित बोरिंग लगाई गई है। इससे अब इस प्रक्षेत्र का सोलर सिस्टम से खेतो की सिंचाई होगी। पहले चरण में कृषि विज्ञान केंद्र की बागवानी प्रक्षेत्र में सोलर चलित बोरिंग लगाई गई है, जो बागवानी क्षेत्रों के फसल की सिंचाई करेगी।
कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. दिव्यांशु शेखर ने बताया
कि इस सोलर सिस्टम उपकरण को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से परीक्षण कर जाले कृषि विज्ञान केंद्र को सोलर सिस्टम लगवाया है। जिसे इस जिला के किसान देखेंगे एवम अपने खेतो के फसलों को इस सिस्टम से सिंचाई कर सकेंगे। सोमवार को इस सोलर सिस्टम को पर्नरूप से चालू कर दिया गया है।
कि इस सोलर सिस्टम उपकरण को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा की ओर से परीक्षण कर जाले कृषि विज्ञान केंद्र को सोलर सिस्टम लगवाया है। जिसे इस जिला के किसान देखेंगे एवम अपने खेतो के फसलों को इस सिस्टम से सिंचाई कर सकेंगे। सोमवार को इस सोलर सिस्टम को पर्नरूप से चालू कर दिया गया है।
इस सोलर सिस्टम से किसान
अपनी खेतों की सिंचाई कैसे किफायती दर पर करेंगे। इस आशय की जानकारी कृषि मेला में पहुंचे किसानों को, कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित 22 और 23 मार्च को कृषि मेला सह प्रदर्शनी में सोलर सिस्टम सोलर प्लेट सहित उपकरण के संदर्भ में कृषि मेला में जानकारी देंगे।
अपनी खेतों की सिंचाई कैसे किफायती दर पर करेंगे। इस आशय की जानकारी कृषि मेला में पहुंचे किसानों को, कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित 22 और 23 मार्च को कृषि मेला सह प्रदर्शनी में सोलर सिस्टम सोलर प्लेट सहित उपकरण के संदर्भ में कृषि मेला में जानकारी देंगे।
इस सोलर सिस्टम से 5 एम.एच. चलित मोटर से पानी निकल रही है। जिससे कृषि क्षेत्र के खेतों की सिंचाई किया जा रहा है। वैसे कृषि विज्ञान केंद्र को विद्युत चलित भी बोरिंग है, लेकिन इस सोलर ऊर्जा से संचालित उपकरण लग जाने से अब किसी भी समय इस क्षेत्र के फसलों की सिंचाई हो सकेगी।