बिहार विधानसभा की बोचहां (सुरक्षित) सीट के लिए उपचुनाव 12 अप्रैल को होगा। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से इसकी घोषणा के साथ ही हर दिन बिहार की पॉलिटिक्स नए करवट ले रही। यह सीट वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के कारण रिक्त है।
नामांकन भले 24 तक चलेगा। 25 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 28 तक नामांकन पत्र वापसी की अंतिम तिथि होगी। फिर 16 अप्रैल को मतगणना के साथ ही तय हो जाएगा कि एनडीए में कौन रहेगा कौन बाहर का रास्ता तय करेगा।
कारण, भी साफ है। आप सभी राजनीतिक विशेषज्ञ, जदयू, भाजपा, हम, वीआईपी, कांग्रेस के धुरंधर इस चुनाव को बड़े गौर से बारीक नजर बनाए हुए हैं। स्थिति हो भी गई है विकट। बिहार में सत्ता बचेगी। नीतीश कुमार की कुर्सी रहेगी। भाजपा-जदयू का साथ बना रहेगा। या फिर, नए समीकरण उभरेंगे। यह भी तय होंगे। मगर, ताजा मामला यह है,
घटनाक्रम 1
पूर्व विधायक स्वर्गीय मुसाफिर पासवान के बेटे तथा वीआईपी के नेता अमर पासवान ने सोमवार को राजद की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी ने उन्हें बोचहां विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।
पूर्व घटनाक्रम यह है
भाजपा ने बेबी कुमारी को टिकट दिया है। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के तरफ से जारी की गई सूची में पार्टी ने बोचहां सीट से पूर्व MLA बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया है। भारतीय जनता पार्टी के तरफ से प्रत्याशी के नाम के ऐलान के बाद सबकी नजरें विकासशील इंसान पार्टी एवं नीतीश कुमार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी पर टिकी थी। यही इंतजार था कि वह भारतीय जनता पार्टी के इस कदम के बाद आगे क्या फैसला लेंगे?
ऐसा इसलिए, क्योंकि 2020 विधानसभा चुनाव में इस सीट से विकासशील इंसान पार्टी के ही मुसाफिर पासवान की जीत हुई थी। बीते दिनों उनकी मृत्यु के पश्चात् इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। मुकेश सहनी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि यह उनकी सीटिंग सीट है, इस वजह से वह इस सीट पर चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान के नाम का ऐलान भी कर दिया था।
घटनाक्रम 2
अब जब राजद पार्टी कार्यालय में सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने स्वर्गीय मुसाफिर पासवान के बेटे तथा वीआईपी के नेता अमर पासवान पार्टी की सदस्यता दिलाई। अमर पासवान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व पर विश्वास प्रकट करते हुए वीआईपी पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। बताया जाता है कि पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी तय कर दी है।
इसके बाद आया यह न्यूज
सियासी समीकरणों की वजह से बैकफुट पर चल रहे वीआईपी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने फिर एक बार बड़ा फैसला लिया। सोमवार को दिल्ली से लौटने के बाद सहनी ने पटना में प्रेस कांफ्रेस की। इसमें उन्होंने बोचहां सीट से चुनाव लड़ने का एलान करने के साथ ही पार्टी उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी कर दी। पार्टी ने बोचहां से डॉ. गीता को उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया है। गीता उक्त सीट से आठ बार के विधायक रहे वरिष्ठ नेता रमई राम की बेटी हैं।
सियासी भूचाल आना तय
सहनी के इस कदम से राज्य में सियासी भूचाल आना तय है। ऐसा इसलिए क्योंकि उक्त सीट से बीजेपी (BJP) ने पहले ही बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसे में बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतरने की वजह से सहनी को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
इससे पहले यह हुआ
इधर, राजद की ओर से पूर्व मंत्री रमई राम ने बोचहां सीट पर अपनी दावेदारी पेश की लेकिन रमई राम का झटका लगा। तेजस्वी यादव से मिलने पटना पहुंचे रमई ने कहा कि यह सीट उन्हें या उनकी बेटी गीता देवी को दी जाए। रमई राम ने कहा कि इस सीट के लिए उनकी पूरी तैयारी है। मगर, हुआ उलट। बाजी तो अमर मार गए।
अपमान की राजनीति शुरू
बोचहां विधानसभा उपचुनाव में पार्टियों की तस्वीर हर घंटे बदल रही है। पहले BJP ने VIP से सीट छीनी। फिर तेजस्वी ने VIP से उसका कैंडिडेट छीन लिया। अब VIP ने इन दाव-पेंचों का जवाब देने के लिए RJD के कद्दावर नेता रमई राम की बेटी गीता कुमारी को अपना कैंडिडेट बना दिया है।
इसके साथ ही बोचहां का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। इस दौरान मुकेश सहनी ने कहा कि NDA में रहकर दोस्ताना लड़ाई लड़ेंगे। घर को सुरक्षित रखने की लड़ाई है। हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।हमारी कोशिश मुसाफिर पासवान जी का साथ देने की थी, लेकिन अमर पासवान ने जल्दबाजी की।
वहीं रमई राम ने कहा कि जो व्यवहार मेरे साथ हुआ, वो आज तक नहीं हुआ था। लालू यादव रहते तो ऐसा कभी नहीं होता। यह अत्यंत ही पीड़ादायी है। उनके साथ विश्वासघात हुआ है। तेजस्वी यादव ने उनका अपमान किया है।
NDA गठबंधन के दो घटक दलों के बीच में ही मुकाबला होगा। RJD की तरफ से प्रत्याशी खड़ा करने के साथ ही यह मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा। उत्तर प्रदेश चुनाव में मुकेश सहनी ने 53 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वहीं बिहार में 24 सीटों पर MLC चुनाव भी होना है। इस चुनाव के लिए भी मुकेश सहनी की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है।
इस सबके बीच सीएम नीतीश कुमार ड्राइविंग सीट पर हैं। वहीं, हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी की बल्ले बल्ले है। यह दोनों किस ओर जाएंगें। घटक दलों में ही जब लड़ाई है तो पलड़ा किसकी भारी करेंगे यह तो 16 अप्रैल को ही पता चलेगा। फिलहाल अभी विसात की राजनीति में कई मोहरे आएंगें जाएंगें। कारण, पलड़ा तो अभी सामान लग रहा है। एक तरफ भाजपा है दूसरी तरफ राजद और वीआईपी।
मुकेश सहनी का बड़ा कदम आरजेडी (RJD) को भी सबक है, क्योंकि जिस प्रकार आरजेडी ने मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को वीआईपी से तोड़कर आरजेडी में शामिल करा कर टिकट दे दिया। ठीक उसी तरह सहनी ने भी आरजेडी के पुराने सिपाही रमई राम की बेटी के आरजेडी से तोड़कर अपना उम्मीदवार बना लिया है। ऐसे में, नीतीश कुमार का आशीर्वाद किसे मिलेगा बेबी को या गीता को क्योंकि दोनों को बोचहां पसंद है।