

बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी और अच्छी खबर है। बिहार में बिजली फिलहाल महंगी नहीं होगी। इससे एक करोड़ साठ लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता पुरानी दरों पर ही भुगतान करेंगे।
जानकारी के अनुसार, बिहार में बिजली महंगी होने नहीं जा रही है। राज्य सरकार की तरफ से बिजली उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी राशि जारी किए जाने के बाद यह तय हो गया है कि बिहार में फिलहाल बिजली की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। सोमवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में सब्सिडी राशि की मंजूरी के प्रस्ताव पर मुहर लग गई थी और इसके साथ ही यह तय हो गया कि बिजली बिहार में महंगी नहीं होगी।
बिहार में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार की तरफ से मिलने वाला 1.83 रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी पहले की तरह ही जारी रहेगा। सभी यूनिट पर 1.83 प्रति यूनिट का ही अनुदान मिलेगा। शहरी क्षेत्र में गैर घरेलू यानी व्यवसयिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को 0.53 रुपए प्रति यूनिट का अनुदान मिलेगा।
इस एक अप्रैल से लागू होने वाली बिजली दर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। मौजूदा बिजली दर ही आगे भी बरकरार रहेगी। कंपनी की ओर से बिजली दरों में 9.90 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने खारिज कर दिया था।
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इन दोनों फैसलों पर मुहर लगी। कैबिनेट में लिए गए फैसले के मुताबिक मुख्यमंत्री विद्युत उपभोक्ता सहायता योजना के तहत राज्य सरकार सूबे के विद्युत उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट निर्धारित सब्सिडी देगी। कंपनी को 650.08 करोड प्रतिमाह की दर से पैसा दिया जाएगा।
आयोग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने 23 835.31 करोड़ की मांग की थी। बिजली की बिक्री से होने वाली आमदनी के बावजूद 1184.41 करोड़ कम होने का हवाला दिया गया था, लेकिन आयोग ने सभी तथ्यों की समीक्षा कर बिजली कंपनी का खर्च 21545.97 करोड़ ही माना।
बिजली की बिक्री से कंपनी को होने वाली आय के बाद मात्र 6.69 करोड़ का अंतर पाया गया। कंपनी ने यह भी कहा था कि औसतन 4.24 रुपये प्रति किलोवाट की दर से बिजली खरीदी जा रही है, जबकि आपूर्ति करने पर 7.22 रुपये प्रति किलोवाट खर्च हो रहे हैं। इस पर आयोग ने कंपनी को अपना नुकसान 15 फीसदी पर लाने को कहा। अभी कंपनी का वास्तविक नुकसान 35 फीसदी है। आयोग ने दो टूक कहा था कि वह अपने नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से नहीं कर सकता।
ऐसे में,उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए नीतीश सरकार ने बिजली कंपनी को मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 7801 करोड़ का अनुदान देने का निर्णय लिया है। साथ ही बिजली कंपनी को भी तकनीकी और व्यावसायिक नुकसान की भरपाई के लिए 1094 करोड़ अतिरिक्त राशि दी है।
छोटे उद्यमियों को उनके कनेक्शन के अनुसार 23 और 25 पैसे प्रति यूनिट अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार सबसे अधिक अनुदान किसानों को देगी। सरकार ने किसानों को 5.25 रुपए प्रति यूनिट अनुदान देने का फैसला लिया है। किसानों के लिए विनियनक अयोग ने 5.90 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर तय की है। सरकार के अनुदान के बाद किसानों को मात्र 65 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही बिजली मिलेगी।








