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दिसम्बर, 28, 2025

इंसाफ मंच की हुंकार,साहित्यकारों, लेखकों पर मोदी राज में दमन के खिलाफ हो एकजुट

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दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर आनद तेलतुंबड़े की संभावित गिरफ्तारी व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पर मोदी राज में हो रहे हमले के खिलाफ इंसाफ मंच के बैनर तले राज्यव्यापी आहवान पर नागरिक प्रतिवाद निकाला गया। प्रतिवाद मार्च पोलो मैदान से निकल कर समाहारणालय होते हुए लहेरियासराय टावर और टावर से पुनः पोलो मैदान में आकर सभा में तब्दील हो गया।

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प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, लक्ष्मण पासवान, जसम के प्रो. राम बाबू आर्य, प्रो. कल्याण भारती, प्रो. हृषिकेश झा, प्रो. सुरेंद्र प्रसाद सुमन, प्रो. कल्याण भारती, प्रो. अवधेश सिंह, एक्टू के भोला, प्रो. यूसुफ कमाल, भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार, अवधेश सिंह, आइसा के संदीप कुमार चौधरी, मयंक कुमार, विशाल माझी, अमोद कुमार अमन, तालिब, सहाबुद्दीन शामिल थे।

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प्रतिवाद सभा को संबोधित करते हुए नेयाज अहमद ने कहा कि आनंद तेलतूमडे की प्रस्तावित गिरफ्तारी अंबेडकरवादी, वामपंथी लेखको का उत्पीड़न व भारतीय लोकतंत्र व सामाजिक न्याय के संधातिक संकट का संकेत है जिसका राष्ट्र ब्यापी प्रतिरोध जरूरी है। श्री अहमद ने कहा कि एक आसन्न गिरफ्तारी देश के जमीन पर शुल की तरह चुभती दिख रही है। वक्ताओ ने कहा कि भीमा कोरेगांव संघर्ष के  200 वीं वर्षगांठ पर आयोजित सभा का आयोजन सेवानिवृत न्यायधीश पीबीसावंत व न्यायमूर्ति बी जी कोलसे पाटील ने किया जिसमें खुद डा.आनंद सामिल भी नही थे बल्कि अपने लेख में इस तरह के प्रयास का समर्थन किया था।

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पहली एफआईआर में प्रोफेसर आनंद का नाम नहीं था जो  आठ जनवरी 18 को हुई थी। बिना कोई कारण स्पष्ट किए 21 अगस्त  18 को उनका नाम एफआईआर में शामिल किया गया तथा उनके घर पर छापा भी डाला गया जिसकी भर्त्सना कर रहे है। वक्ताओं ने कहा कि दलित खेत मजदूर माता पिता के घर मे जन्मे आनंद अपनी प्रतिभा, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता के जरिये विद्वानो मे ही नही बल्कि गरीब मजलूमों के हकों की आवाज बुलंद करते हुए नई उंचाईयों तक पहुंचे है।

प्रो. आनंद की आपबीती देश दुनियाभर के प्रबुद्ध जनों में चिंता व क्षोभ का विषय बनी हुई है। वहीं, जसम के नेता प्रो. अवधेश सिंह ने कहा कि इनकी प्रभावित गिरफ्तारी भारत मे फांसीवाद की आहट है और केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार असहमति की आवाज को उत्पीड़ित कर रही है। हमें इसका हर स्तर पर विरोध करना चाहिए।

वहीं, अभिषेक कुमार ने कहा कि हम देश के संवेदनशील प्रबुद्ध नागरिक और इन्साफ पसंद व्यक्ति की यह सभा इस समूचे घटनाक्रम पर गहरी चिंता प्रकट करती है और सरकार से मांग करती है कि प्रो. आनंद तेलतूमडे पर लगाए गए सभी आरोपों को तत्काल खारिज करे ।आइए हम और आप अपने मौन को तोडे और डॉक्टर अंबेडकर के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं।इंसाफ मंच की हुंकार,साहित्यकारों, लेखकों पर मोदी राज में दमन के खिलाफ हो एकजुट

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