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2 नवम्बर, 2024
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Religious Spirituality: 150 वर्ष पुराने इस मंदिर में होती है मुर्गी के अंडे से होती है पूजा, क्या है मान्यता, क्यों उमड़ा है आज यहां आस्था का सैलाब

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फिरोजाबाद जिले में एक मंदिर ऐसा भी है जहां सदियों से फल, फूल, नारियल, मेवा से नहीं बल्कि लड्डू पूड़ी के साथ अंडों से पूजा की जाती है। इस मंदिर पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु पूजा करने आते हैं और अंडा चढ़ाकर अपनी मन्नतें मांगते हैं तथा मन्नत पूरी होने पर फिर अंडा चढ़ाया जाता है।

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले का एक अनोखा गांव बिल्हेने है, जहां हजारों की तादाद में भक्तगण फिरोजाबाद के साथ-साथ कई जिलों और दिल्ली तक से लोग उस मंदिर पर पूजा करने आते हैं।

जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां पर लोग अंडा, लड्डू और पूड़ी चढ़ाकर बच्चों की सलामती के लिए पूजा अर्चना करते हैं। यह मंदिर नगरसेन महाराज का है, जो मटसेना क्षेत्र के गांव विलेहना में स्थित है। यहां हर साल वैशाख माह में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है।Religious Spirituality: 150 वर्ष पुराने इस मंदिर में होती है मुर्गी के अंडे से होती है पूजा, क्या है मान्यता, क्यों उमड़ा है आज यहां आस्था का सैलाबफिरोजाबाद जनपद के थाना बसई मोहम्मदपुर के गांव बिलहना में यह मंदिर है। इस मंदिर को बाबा नगर सेन का मंदिर नाम से जाना जाता है। यहां बैशाख अष्टमी के दिन हर साल भव्य मेला लगता है। इस मेले में भारी मात्रा में श्रद्धालु का हुजूम उमड़ता है। मंदिर की मान्यता है कि यहां प्रसाद के रूप में बताशा, लड्डू, पूड़ी के साथ-साथ अंडा भी चढ़ाया जाता है। ऐसा करने से बच्चों की सभी बीमारियां दूर हो जातीं हैं।

कैसे करते हैं पूजा?
गांव बिल्हेने में काफी बरसों से बना हुआ मंदिर बाबा नगर सेन के नाम से प्रसिद्ध है. लेकिन यहां बाबा नगर सेन के साथ-साथ उनके सहपाठी भूरा मसान सैयद बाबा का भी स्थान है। इसलिए इस मंदिर पर हजारों की तादात में भक्तगण हलवा, पूड़ी, लड्डू, बतासे के साथ-साथ अंडा को चढ़ाकर और उनको फेंक कर यहां पूजा अर्चना करते हैं, जिससे उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।

बच्चों के स्वास्थ्य के लिए करते हैं पूजा?
इस मंदिर पर फिरोजाबाद जिले के साथ-साथ अन्य जिलों और अन्य प्रदेशों से भक्तगण बाबा नगर सेन के मंदिर पर पूजा करने आते हैं। इस मंदिर पर पूजा करने की खास बात करें तो यह पूजा बच्चों को लेकर की जाती है। जितने भी भक्तगण आते हैं, वह अपने बच्चों की अच्छे स्वास्थ्य के लिए यहां पूजा अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें किसी भी तरह की बीमारी ना हो और अगर वह बीमार है तो वह ठीक हो जाए।

क्या है परंपरा?
यह मेला वैशाख के महीने में तीन दिन के लिए यहां लगाया जाता है, जहां मेले में बहुत सारी दुकानें भी लगती हैं और झूले भी लगते हैं। इस मंदिर में सुबह से ही भक्तगण अपने बच्चों के साथ प्रसाद की दुकान से कच्चे अंडे के साथ-साथ अन्य प्रसाद खरीदते हैं। बाबा नगर सेन मंदिर पर पूजा करते हैं। रही बात अंडों की तो यहां अंडों को फेंक कर चढ़ाना यह परंपरा काफी वर्षों से चली आ रही है। इसलिए भक्तगण उसी परंपरा के चलते पूजा अर्चना करते चले आ रहे हैं।

150 वर्ष पुराना है मंदिर
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जगन्नाथ दिवाकर बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण दिवाकर समाज के लोगों ने करीब 150 वर्ष पूर्व कराया था। उनके अनुसार पूर्वज दयाराम और रामदयाल के परिवार में एक बच्चे के शरीर में फोड़े पड़ गये और उसेFirozabad baba nagar sen temple Devotees worship with raw chicken eggs for the health of children ann दस्त हो गये। काफी उपचार कराने के बाद भी जब बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तब उन्होंने मध्यप्रदेश के जिला मुरैना दिमनी स्थित नगरसेन बाबा के मंदिर पर बच्चे के ठीक होने की मन्नत मांगी। मन्नत पूरी होने पर उन्होंने गांव के बाहर इस मंदिर का निर्माण कराया था।

उन्होंने बताया कि बाबा नगरसेन तो शाकाहारी हैं और वह लड्डू, पूड़ी व नारियल का भोग लेते हैं, लेकिन उनके दोस्त भूरा सैय्यद मसान मांसाहारी है जो कि अंडे से प्रसन्न होते हैं। इसीलिये भक्त यहां लड्डू, पूड़ी, नारियल के साथ अण्ड़े चढ़ाते हैं। यह परंपरा दशकों पुरानी है।

मंदिर पर लगता है भव्य मेलामंदिर में अंडा फेंककर मारतीं श्रद्धालुबाबा नगरसेन मंदिर पर प्रतिवर्ष भव्य मेला लगता है। इस मंदिर पर भारी संख्या में श्रुद्वालु आते हैं, जो बाबा की पूजा पाठ के बाद मेले का लुफ्त उठाते हैं। रविवार को इस मेले का शुभारम्भ भाजपा सांसद डॉ चन्द्रसेन जादौन ने किया। यह मेला तीन दिवसीय है।

नगरसेन महाराज मेले का शुभारंभ करने आए सांसद डॉ.चंद्रसेन जादौन ने कहा कि यह मेला हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर है। इसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पूजन के साथ बच्चों का मुंडन संस्कार कराने आते हैं। सांसद ने कहा कि मेला काफी प्राचीन है। मान्यता के अनुसार मंदिर में अंडा और पूड़ी चढ़ाई जाती है।

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