दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। मिल्लत कॉलेज में ललित नारायण मिश्र की जयंती आन-बान व शान के साथ शनिवार को मनाई गई। इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मो. रहमतुल्लाह ने उद्घाटन भाषण में कहा, ललित बाबू वास्तव में एक कद्दावर नेता थे। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन दबे कुचले पीड़ित शोषित गरीब कमजोर व लाचार लोगों की सेवा में अर्पित कर दिया।
उन्होंने कहा कि ललित बाबू के दिलो-दिमाग में देश के विकास के लिए जो ललक थी और कम समय में ही उन्होंने खासकर बिहार का जो विकास किया वह उन्हें महामानव की श्रेणी में स्थान दिलाने के लिए काफी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज ललित बाबू जीवित होते तो पूरे बिहार में खासकर मिथिलांचल पूरे भारतवर्ष में सबसे ज्यादा विकसित और खुशहाल होता।उन्होंने ललित बाबू के व्यक्तिगत पर विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि ललित बाबू ने कभी भी जाति धर्म या क्षेत्र के आधार पर कोई फर्क नहीं किया। तमाम बिहारियों को अपना समझ कर उसके लिए मसीहा बन कर रहे। उन्होंने कहा कि उनका जीवन दर्शन आने वाले कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक व अनुकरणीय रहेगा। उसके साथ ही उन्होंने उपस्थित लोगों से ललित बाबू के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।पूर्व रजिस्ट्रार मुस्तफा कमाल अंसारी ने उनके जीवन पर तथा कार्यों पर विस्तार से वर्णन किया। कहा कि एक तरफ जहां गरीबों के सच्चे रहनुमा थे, वही विकास पुरुष थे। प्रो. डॉ. शहनाज बेगम ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्हें जन-जन का नेता व बिहारियों खासकर मिथला वासियों का चहेता बताया। इसके पूर्व भक्तिनाथ भी ललित बाबू के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।डॉ. महेश चंद्र मिश्र ने मंच संचालन करते हुए कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला। अल्ताफ हक ने कहा, ललित बाबू की कमी मिथिलांचल की बड़ी कमी के रूप में हमारे बीच है। समारोह को डॉ. सुनीता झा, डॉ. राजकिशोर पासवान, हेमंत कुमार झा सहित कई शिक्षकों ने संबोधित किया।अंत में महाविद्यालय के बरसर डॉ. अताउर रहमान ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए ललित बाबू को विकास पुरुष बताया। उनके बताए रास्ते पर चलने व गरीबों की सेवा के लिए अपने आपको तैयार रखने का आह्वान किया।