बिहार में अक्सर पुल के बाढ़ में बह जाने या जर्जर होकर गिर जाने का मामला सामने आता रहा है, मगर ताजा मामला उस ब्लड बैंक से जुड़ा है जहां आसमानी आफत में ही लोग पहुंचते हैं वह भी हांफते-दौड़ते। अगर, पुल के बाद अब बिहार में ब्लड बैंक के भवन गिरने लगे तो सिस्टम से सवाल जरूर पूछा जाएगा। कारण, ताजा मामला बक्सर का है जहां ब्लड बैंक के भवन की छत गिर गई है। वहीं, अब रेड क्रास के सचिव कह रहे..सुनता कौन है…? पढ़िए पूरी खबर
बक्सर जिले के एकलौते ब्लड बैंक के भवन की छत बुधवार सुबह गिर गई। गनीमत की बात यह थी कि आज सुबह जिस वक्त यह हादसा हुआ कर्मी अभी काम पर नही आये थे। 18 लाख की लागत से बना एवं बक्सर-डुमरांव अनुमंडल सदर अस्पताल समेत कई प्राइवेट अस्पतालों का बोझ उठाने वाला एक रक्त अधिकोष भवन की हालत वर्षो से काफी जर्जर है।
रक्त अधिकोष भवन में रक्त की जरूरत मंद लोगों एवं रक्त दानदाताओं की आवाजाही लगी ही रहती है। कर्मियों में इस बात का आक्रोश है कि अगर भीड़ के समय यह हादसा हुआ होता तो किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नही किया जा सकता है।
इस बात को लेकर यहां कार्यरत कर्मियों की ओर से कई बार इसकी सूचना रेडक्रास के पदेन अध्यक्ष सह जिलाधिकारी बक्सर समेत स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी जा चुकी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री सह-स्थानीय सांसद आश्विनी कुमार चौबे ने अपने कार्यकाल में यह आश्वासन भी दिया था कि बक्सर स्थित रक्त अधिकोष भवन का जीर्णोधार जल्द पूरा किया जाएगा। मगर कब?
बक्सर रेड क्रास के सचिव श्रवण तिवारी का कहना है कि ब्लडबैंक भवन के जर्जर स्थिति को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति से कई बार पत्राचार किया गया पर सुनता ही कौन है। आज की घटना को लेकर रेडक्रास के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है ।जिसमे ब्रलडबैंक भवन को लेकर कुछ निर्णय लिया जाएगा।