साल का पहला चंद्रग्रहण 16 मई को प्रातः काल 07 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। 16 मई 2022 को खग्रास चंद्रग्रहण होगा, जो भारत में नहीं दिखाई देगा।
जानकारी के अनुसार, इस सल कुल चार ग्रहण लग रहे हैं, दो चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण। 16 मई के बाद अब 25 अक्टूबर 2022 को स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर सूर्य ग्रहण शाम 4:23 बजे शुरू होगा।
यह ग्रहण शाम 6:25 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण के देश के विभिन्न स्थानों में दिखाई देने से प्रभाव पड़ेगा। 8 नवंबर 2022 को खण्डग्रास चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि पर होगा। यह भी भारत में दिखाई देगा। दो ग्रहण दिखाई देंगे और दो ग्रहण दिखाई नहीं देंगे।
ग्रहण के समय चंद्रमा वृश्चिक राशि में होगा, इसलिए इस ग्रहण के कारण इस राशि के लोगों के जीवन में कई परिवर्तन महीनों तक प्रभावित करेंगे। ग्रहण का भले ही सूतक काल न हो, लेकिन हमें ग्रहण से जुड़ दान पुण्य आदि कर लेना चाहिए।
दृश्य नहीं होने के कारण इसका कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा, लेकिन वृश्चिक राशि में लगने के कारण यह विभिन्न राशियों पर प्रभाव डालेगा। इस ग्रहण से वृश्चिक राशि में कई परिवर्तन आएंगे। इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। जहां यह ग्रहण देखा जा सकेगा वहां पर लाल दिखेगा इसलिए इस दिन के चंद्रमा को ब्लड मून भी कहा जाएगा। वैशाख पूर्णिमा के पूजा पाठ आदि किसी भी समय मुहूर्त अनुसार किए जा सकते हैं।
वृश्चिक राशि के लोगों को नौकरी से लेकर व्यापार और निजी जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए समय बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है। इसलिए किसी भी तरह के फैसले सोच समझकर लें। जल्दबाजी में कोई काम न करें।
पिछले साल 26 मई को भी वैशाख मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण हुआ था और अगले यानी 2023 में भी 5 मई को वैशाख मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लगेगा। लगातार 3 साल तक वैशाख मास की पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण एक संयोग है। ऐसा बहुत कम बार देखने को मिलता है। आगे जानिए 16 मई, सोमवार को होने वाले ग्रहण से जुड़ी खास बातें…
देश-दुनिया पर होगा चंद्रग्रहण का असर
ज्योतिषियों के अनुसार, पिछले दिनों 30 अप्रैल, शनिवार को साल का पहला सूर्यग्रहण हुआ था, ये भी भारत में दिखाई नहीं दिया था और अब 16 मई को साल 2022 का पहला चंद्रग्रहण होने जा रहा है।
इस तरह 17 दिन में ये दूसरा ग्रहण है। इतने कम समयम में दो ग्रहण होना शुभ नहीं माना जाता। इसका नकारात्मक असर देश-दुनिया के साथ-साथ सभी लोगों के जीवन पर किसी न किसी रूप में देखने को मिलेगा। 17 दिन में 2 ग्रहण होने के कारण प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा बना रहेगा, वहीं राजनीति के क्षेत्र में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।
कुछ लोगों कों मानसिक परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है। पड़ोसी देशों में तनाव बढ़ सकता है और आंधी-तूफान जैसी स्थिति बन सकती है। आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। व्यापारी वर्ग किसी बात पर नाराज हो सकता है। प्रशासनिक गतिविधियों में गिरावट आ सकती है।