बिहार में शिक्षक बहाली (Teacher Appointment) के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) जारी रहेगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Education Minister Vijay Chaudhary) ने इस बाबत अपने बयान से कंफ्यूजन दूर कर दिया है।
शिक्षा मंत्री के अनुसार शिक्षा विभाग (Department of Education, Bihar) के फैसले को समझने में लोगों को गलती हुई। केवल सातवें चरण की शिक्षक बहाली (Seventh Phase Teachers Appointment) को जल्द पूरा करने के लिए टीईटी का आयोजन नहीं किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बुधवार को यहां कहा कि राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है लेकिन हकीकत यह है कि टीईटी को अभी बंद नहीं किया गया है। बिहार में टीईटी की परीक्षा पहले की तरह होती रहेगी। शिक्षा विभाग के फैसले को समझने में गलती हुई है। एस्टेट की परीक्षा स्थायी रूप से नहीं कराने की बात गलत है। यह सिर्फ कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने बुधवार को कहा कि इस संबंध में विभाग में एक निर्णय हुआ था जिसकी रिपोर्टिंग गलत हुई है और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई है। राज्य सरकार (State Government) राज्य स्तर पर कराई जाने वाली परीक्षा पर रोक नहीं लगाई है।
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग के फैसले को समझने में गलती हुई है। सातवें चरण की शिक्षक बहाली को जल्द ही पूरा किया जाएगा। यदि नई टीईटी (TET) परीक्षा ली गई गई तो शिक्षकों की नियुक्ति में देरी होगी, इसलिए यह निर्णय लिया गया है सातवें चरण की बहाली तक टीईटी नहीं होगी। वर्तमान परिस्थिति में इसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सातवें चरण की शिक्षक बहाली के लिए टीईटी लेने पर बहाली में विलंब हो जाएगा। इसे देखते हुए केवल सातवें चरण की बहाली तक टीईटी का आयोजन नहीं करने का फैसला किया गया है। प्रावधान के अनुसार शिक्षक बहाली के लिए सीटीईटी (CTET) और टीईटी (TET) में से किसी परीक्षा में उत्तीर्ण होना जरूरी है। अभी की रिक्तियों को देखें तो पहले हुईं दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं संतोषजनक संख्या में उपलब्ध हैं।
चौधरी ने कहा कि यदि नई टीईटी परीक्षा लिया गया तब शिक्षकों की नियुक्ति में देरी होगी। इसलिए ऐसा निर्णय लिया गया है। सातवें चरण की बहाली तक टीईटी नहीं होगी। नियुक्तियां लंबित ना हो इसलिए यह फैसला लिया गया है। वर्तमान परिस्थिति में इसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
शिक्षा मंत्री ने साफ किया कि पूर्व के परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र भी अगले चरण की नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब प्रारंभ करने की मांग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिये यह निर्णय लिया गया है कि अगले चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जितनी सीटें रिक्त रहेगी, उन सीटों के आधार पर राज्य सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। शिक्षा मंत्री ने साफ किया है कि भविष्य में फिर से राज्य सरकार परीक्षा आयोजित करेगी। भविष्य में बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा पर रोक की कोई बात नहीं है।
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य सरकार अब बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) नहीं लेगी। केंद्र सरकार हर साल केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) लेती है। इसलिए अलग से टीईटी लेने की आवश्यकता नहीं है। अब इस फैसले के एक दिन बाद ही शिक्षा विभाग ने यू-टर्न लिया है।