यह देशज की ओर से जनहित में जारी, सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला यूही हैं हमेशा से जारी। कोई नहीं हैं जो ले इन सड़क दुर्घटनाओं की पूर्णतः ज़िम्मेदारी। क्या पता कल किसकी हो इस सड़क हादसे में मरने की बारी। दुर्घटना से देर भली सभी यह बखूबी जानते हैं, लेकिन वाहन चलाते समय भला लोग कहां ट्रॅफिक नियमों को मानते हैं। हेलमेट व सीट बेल्ट का महत्व सभी-भली भांति जानते हैं।
अपने जीवन को दांव में लगा कहा आप भी कहां मानते हैं। जिसे देखो जल्दबाज़ी में खामोखा अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़ाए, गुज़ारिश हैं हमारी सबसे की मदिरा पीकर कृपया गाड़ी न चलाएं। कृपया कर माता-पिता अपने छोटे बच्चो से वाहन ना चलवाए, बगैर लाइसेंस गाड़ी चलाकर अपने बच्चो से अपराध ना करवाएं। यूं सड़क पर फ़ोन पर, अपने दिनों पर बातें करते हुए हम मान लेते हैं कि ज़िंदगी अभी भी जीने लायक है। अचानक आती है दादा कहिन की गुहार कि बाक़ी लोगों का क्या होगा, अपनी तो सोच ली बाक़ी लोगों का क्या होगा।






You must be logged in to post a comment.