सेना बहाली को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से लागू की गई अग्निपथ योजना के विरोध में बुधवार को विपक्षी दल राजभवन मार्च कर रहा है। जिसका नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कर रहे हैं। इसमें कांग्रेस विधायक नहीं शामिल (Raj Bhavan march on Agneepath) हुए।
जानकारी के अनुसार, अग्निपथ’ के विरोध में महागठबंधन ने राजभवन मार्च किया। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी-लेफ्ट पार्टी ने मार्च निकालते हुए राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। मौके पर बोले तेजस्वी, बंद हो यह योजना, क्योंकि यह बीजेपी और आरएसएस का हिडेन एजेंडा है। पढ़िए पूरी खबर
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार मेरे सवालों से डर गयी है, ऐसा लगता है कि इसका जवाब सरकार के पास नहीं है। इसलिए मैंने सरकार से जो 20 सवाल पूछे हैं, उसका जवाब अब तक नहीं आया है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वे अपने भविष्य को लेकर असहज महसूस करेंगे तो बॉर्डर जैसी जगहों पर ड्यूटी कैसे कर पाएंगे।
राजभवन मार्च में महा गठबंधन के विधायकों और विधान पार्षदों के साथ तेजस्वी यादव के बड़े भाई और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सदन में भाकपा (माले) के नेता व विधायक महबूब आलम, राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा, हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव के साथ कुल 11 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की। हालांकि कांग्रेस इस मार्च में साथ नहीं दिखी। इससे पहले बिहार के वामपंथी छात्र व युवा संगठनों के आह्वान पर बीते 18 मार्च को बुलाए गए ‘बिहार बंद’ को भी बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया था।
नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘कई लोगों की सिर्फ़ ज्वाइनिंग रह गई थी, उन्हें फिर से पूरी प्रक्रिया से गुज़रना होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि चार साल बाद नौजवान क्या करेंगे? जैसा कि भाजपा के नेता कह रहे हैं कि वे उन्हें अपने दफ़्तर में चौकीदार बनाकर नौकरी पर रखेंगे, क्या यह बात सही है? हम किसी भी हालत में नौजवानों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
उल्लेखनीय है कि सेना बहाली को लेकर मोदी सरकार की तरफ से लागू की गई अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में चार दिनों तक लगातार हंगामा होता रहा। इस दौरान आंदोलनकारी छात्रों ने सबसे ज्यादा रेलवे को नुकसान पहुंचाया। कई जगहों पर भाजपा विधायकों और नेताओं के साथ भाजपा कार्यालय को निशाना बनाया गया लेकिन अब स्थिति समान्य हो गयी है। रेलवे ने भी परिचालन धीरे-धीरे शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, अग्निपथ योजना के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने बुधवार को विधानसभा परिसर से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला। फिर राज्यपाल को अग्निपथ योजना वापस लेने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान तेजस्वी की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं। इस पैदल मार्च में महागठबंधन में शामिल विपक्षी पार्टियों के विधायक और विधान परिषद सदस्य शामिल हुए। हालांकि कांग्रेस ने इससे दूरी बनाए रखी।
इसके बाद सभी नेताओं ने राजभवन में अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए राजभवन में राज्यपाल को ज्ञापन सौपा। इस मार्च में राष्ट्रीय जनता दल और वामदल के कई विधायकों के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव, मनोज झा, तेजप्रताप यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित कई अन्य लोग भी मौजूद रहे।
राजभवन (Bihar Mahagathbandhan Rajbhavan March) पहुंचने के बाद तेजस्वी यादव समेत वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें योजना के विरोध में अपना ज्ञापन सौंपा। इसके बाद तेजस्वी यादव बाहर आए तो उन्होंने कहा कि यह योजना तत्काल बंद होनी चाहिए, यह बीजेपी और आरएसएस का हिडेन एजेंडा है।
तेजस्वी यादव ने इस मामले में पीएम मोदी और नीतीश के चुप्पी पर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि विरोध करना है तो नीतीश कुमार खुलकर विरोध करें, तेजस्वी ने सभी आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग उठाई। छात्रों पर हुए FIR को वापस लेने की मांग भी आरजेडी नेता ने किया है। वहीं जब उनसे युवाओं शांत होने के बाद महागठबंधन के राजभवन मार्च को लेकर सवाल किया गया तो तेजस्वी ने कहा कि हिंसा शांत हो गई है इसका मतलब विरोध शांत नहीं हुआ। वायलेंस ही विरोध प्रदर्शन नहीं होता।
इससे पहले, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा था कि बिहार सरकार आंदोलनकारियों के जबदरस्त दमन पर उतर आई है। मुकदमे थोपे जा रहे हैं और जगह-जगह निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी हो रही है। हम सरकार से मांग करते हैं कि आंदोलनकारियों पर से तमाम मुकदमे वापस और सभी गिरफ्तार छात्र-युवाओं को रिहा किया जाए।
उन्होंने कहा कि पूरा देश सरकार की अग्निपथ योजना को मानने को तैयार नहीं है, फिर भी मोदी सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है और जनभावना का अनादर कर रही है। यहां तक कि वह आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि यदि वह सचमुच अग्निपथ योजना के खिलाफ है, तो विधानसभा के आगामी सत्र में इस योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे। उन्होंने बताया कि 22 जून को पटना में भाकपा-माले व महागठबंधन के सभी घटक दलों के विधायक राजभवन मार्च करेंगे।
माले राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार के इस अड़ियल रवैये के खिलाफ कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन से सीखते हुए सरकार को झुकाने के लिए छात्र-युवा समुदाय को लंबी लड़ाई की योजना बनानी चाहिए।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने राजभवन मार्च के बाद कहा कि आज सरकार कह रही है चार साल के बाद अग्निवीरों को 14 लाख देंगे, 14 लाख देकर क्या अहसान करेंगे क्या? सरकार ग्रेच्युटी का पैसा बचाना चाहती है। ऐसी योजनाओं से देशभक्ति की भावना वैसी नहीं आएगी। सरकार से हमने 20 सवाल किया था जिसका जवाब नहीं मिला। बीजेपी के नेता कहते हैं अग्निवीरों को 4 साल के बाद बीजेपी कार्यालय में रखेंगे, युवाओं को इस बयान के जरिए बेइज्जत किया जा रहा। बीजेपी नेता अपने बच्चों को अग्निवीर बनाएं, हम 24 लाख देंगे और आरजेडी कार्यालय में रख लेंगे।