राष्ट्रपति चुनाव 2022 में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में बिहार में एनडीए के सभी घटक दल एकजुट हो गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन करने का ऐलान कर दिया है।
कौन है जो बनेंगी देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति
ओडिशा के मयूरभंज जिला स्थित एक आदिवासी गांव में पैदा हुईं 64 साल की मुर्मू की जिंदगी में कई हादसे हुए जिन्हें सह पाना किसी आम महिला के लिए आसान नहीं था। लेकिन द्रौपदी ने इन हादसों का डट कर मुकाबला किया। आपको बता दें कि भरे-पूरे परिवार के बाद वह अब अकेली अपनी एक बेटी के साथ है।
दरअसल, साल 2009 द्रौपदी के जिंदगी का भयावह साल था जब उनके पुत्र की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। अभी वह इस हादसे से उभरी भी नहीं थी कि तीन साल बाद 2012 में सड़क हादसे के कारण उनके दूसरे बेटे की भी मौत हो गई जिदंगी में आए इस तूफान में भी द्रौपदी ने बड़े ही साहस के साथ मुकाबला किया लेकिन प्रकृत्ति को शायद कुछ और ही मंजूर था और इससे पहले हार्ट अटैक के चलते मुर्मू के पति का भी देहांत हो चुका था। इतना सब होने बावजूद वह डटी रही और अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटी अभी द्रौपदी मुर्मू की एक विवाहित पुत्री हैं जो भुवनेश्वर में रहती हैं। वहीं अगर वह चुनाव जीत जातीं है तो वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।
इससे पहले पशुपति पारस की लोजपा, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) और जीतनराम मांझी की हम पार्टी ने भी एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की। बीजेपी ने मंगलवार रात एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में आदिवासी महिला नेता द्रौपदी के नाम घोषित किया था।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने हर समय उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है।
राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान रहेंगे। उनकी उम्मीदवारी की घोषणा मंगलवार रात भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की।
इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित बोर्ड के अन्य सदस्य शामिल हुए।
वहीं,जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने बुधवार दोपहर में ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में गरीब परिवार में जन्मी एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार हैं। जेडीयू उनकी उम्मीदवारी का स्वागत और समर्थन करती है। ललन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सिद्धांत हमेशा महिला सशक्तिकरण और समाज के शोषित वर्गों के प्रति समर्पित रहे हैं।
जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए से महिला आदिवासी राष्ट्रपति उम्मीदवार है। यह गौरव की बात है। उन्होंने दूसरे विपक्षी दलों से भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की अपील की।
जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों ने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है। नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है।
राष्ट्रपति चुनाव के जरिये केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता को उजागर करने की कोशिशों को शुरूआत में ही झटका लगता नजर आ रहा है। राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के चयन को लेकर मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी (माकपा) के अंदर सवाल उठने लगे हैं। माकपा के कुछ नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और खुल कर अपना असंतोष जता रहे हैं।
इसी क्रम में माकपा सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने यशवंत सिन्हा को लेकर नाराजगी जताई है। कोलकाता के पूर्व मेयर विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा है कि यशवंत सिन्हा को विपक्ष का साझा उम्मीदवार घोषित करना सही फैसला नहीं था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता का संदेश देने के लिए किसी ऐसे चेहरे पर मुहर लगाया जाना चाहिए था जो सार्वभौमिक स्वीकृति वाला हो। उनका कहना है कि सिन्हा पूर्व में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे हैं और अब एक ऐसी पार्टी में हैं जिसकी राजनीति खून खराबे पर केंद्रित रही है।
हालांकि विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल सूत्रों ने बताया है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगाने से पहले लेफ्ट समेत सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों से सहमति ली गई थी
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने झारखंड के पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का उम्मीदवार बनाए जाने पर हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने भाजपा संसदीय दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित सभी सदस्यों को धन्यवाद।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी को देश के सर्वोच्च पद के लिए चुना गया है। एक संथाल आदिवासी महिला को पहले मोदी ने राज्यपाल बनाया और अब राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। यह आदि संस्कृति को संरक्षित करने वाले जनजातीय समाज सहित पूरे झारखंड ही नहीं पूरे देश के लिए गौरव का विषय है। मैं विपक्ष के सभी दलों से आग्रह करता हूं कि द्रौपदी मुर्मू को समर्थन प्रदान कर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति का चयन करें।
राष्ट्रपति पद के लिए भाजपा की ओर से एक दलित महिला को उम्मीदवार बनाए जाने पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को ट्वीटर अकाउंट पर ख़ुशी ज़ाहिर की। साथ ही लिखा कि “मोदी है तो मुमकिन है”।
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा है, पूर्व राज्यपाल, आदिवासी समुदाय की शान, हमारी बहन द्रौपदी मुर्मू को एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। ये गर्व का क्षण है जब लगातार दूसरी बार हमारे बीच से कोई राष्ट्रपति बनने जा रहा है। “मोदी है तो मुमकिन है।”
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू बुधवार सुबह मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में महादेव मंदिर पहुंचीं। उन्होंने भगवान शिव की पूजा-अर्चना की।
उन्होंने सबसे पहले महादेव मंदिर प्रागंण में झाड़ू लगाकर सफाई भी की। इसके बाद नंदी महाराज का आलिंगन कर उन्हें प्रणाम किया। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना भी की। द्रौपदी मुर्मू रायरंगपुर से दो बार विधायक रही हैं।