स्मार्टनेस में गांव के स्कूल अब फेल करेंगे पब्लिक स्कूलों को। डिजिटल उपकरण से लैस किए जाएंगे। जी हां, अगर ऐसा हो जाए तो आप क्या कहेंगे। देश का काया-कल्प हो जाएगा। मगर, ऐसा होने जा रहा है। कहां से इसकी शुरूआत हो रही है यह खबर के अंत में, पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, अब वह दिन दूर नहीं जब गांव का पूर्व माध्यमिक एवं कंपोजिट स्कूल स्मार्टनेस में नगर व महानगर के लकदक महंगे पब्लिक स्कूलों को फे ल कर देंगे। इंटीग्रेटेड स्कीम फॉर स्कूली शिक्षा के अंतर्गत आईसीटी और डिजिटल इनिशियएटिव, इनोवेटिव प्रोग्राम फॉर मानिटरिंग के तहत स्मार्ट क्लास सेटअप किए जाएंगे।
स्मार्ट क्लास के लिए प्रत्येक विद्यालय में ऐसा इंटरेक्टिव बोर्ड होगा जिस पर चाहे अंगुली से लिखिये या पेंशिल से या फिर जितना चाहे मिटाकर लिखिए। सब कुछ जादूगरी जैसा होगा। यही नहीं अन्य संसाधनों में कंप्यूटर प्रोजेटर, स्मार्ट टीवी भी होगा।
अवस्थापना सुविधा व समार्ट क्लास सबंधित उपकरणों का अधिस्थापन विद्यालय के कक्षा कक्ष में एक मजबूत दीवार पर किया जाएगा। गेट, कक्षों के दरवाजों पर सामान्य ताले के स्थान पर डबल इंटरलाकिंग की व्यवस्था की जाएगी। जिस कक्ष में स्मार्ट क्लास के उपकरण हो, उसके खिड़कियों पर लोहे की सुरक्षित ग्रिल, सुरक्षित कुंडी की भी व्यवस्था की जाएगी। लोहे का दरवाजा होगा। ग्रामसभा के ग्राम प्रधान के साथ ही निकट के ग्रामवासियों को भी स्मार्ट क्लास के सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
मीरजापुर से यह पूरी खबर पढ़िए क्या होने जा रहा यूपी में। पूरे प्रदेश के लगभग 25 हजार अपर प्राइमरी विद्यालयों को चिन्हित कर उनमें डिजिटल अवस्थापना बढ़ाने के आदेश दिए हैं। राज्यपरियोजना स्तर से जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों व खंड शिक्षा अधिकारियों को 15 दिनों में विद्यालयों के चिन्हांकन करने के आदेश दिए गए हैं। योजना के पहले चरण में जनपद के लगभग 428 पूर्व माध्यमिक व कंपोजिट स्कूल स्मार्ट क्लास के रूप में तब्दील किए जाएंगे।
वर्ष 2023-24 में स्मार्ट क्लास की स्थापना के लक्ष्य के साथ कवायद आरंभ हो चुकी है। वर्ष 2021-22 से यूडीआईएसई प्लस डेटा अवधि किये जाने का कार्य सभी जनपदों में चल भी रहा है। परियोजना निदेशक ने कहा है कि डेटा भरते समय कक्षा कक्ष, विद्युतिकरण, छात्र नामांकन, कार्यरत शिक्षक आदि के बारे में सूचना देनी होगी। जिला समन्वयक प्रशिक्षण, सामुदायिक सहभागिता को नोडल बनाया गया है।
बीएसए गौतम कुमार ने बताया कि राज्य परियोजना निदेशक स्तर से अपर प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के लिए विद्यालयों का चिन्हांकरण कर सूचना मांगी गई है। निर्धारित 15 दिनों में सूचना उपलब्ध करवा दी जाएगी।



