अब बिहार में कहीं भी एंबुलेंस की जरूरत हो या फायर ब्रिगेड की, पुलिस से शिकायत करनी हो या कोई मदद चाहिए, अब इसके लिए अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर की जरूरत नहीं होगी। बस एक नंबर डायल-112 से सभी तरह की इमरजेंसी सेवाओं में मदद मिलेगी।
आज इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के अत्याधुनिक केंद्रीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर ‘डायल 112’ का शुभारंभ होते ही अब किसी भी आपात स्थिति में पुलिस, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की मदद के लिए एक ही नंबर ‘112’ डायल किया जा सकता है। इससे पहले पटना में DIAL 112 का एक महीने के लिए ट्रायल रन शुरू किया गया था। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) डायल 112 के लिए पुलिस रेडियो मुख्यालय परिसर में कंट्रोल रूम बनाया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार में आपातकालीन सेवाओं के लिए एकीकृत नंबर 112 को लांच किया। इमर्जेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम के लिए राजवंशीनगर के पास 24 घंटे काम करने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस सिस्टम को सुचारू ढ़ंग से चलाने के लिए करीब सात हजार पुलिसकर्मियों को आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराने में लगाया गया है। इसमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिसकर्मी हैं। एसपी रैंक को दो अफसरों को भी लगाया गया है। आईजी वायरलेस इसे मॉनिटर करेंगे। पटना में डायल 112 के तहत कुल 100 और राज्य भर में पहले चरण में कुल 400 गाड़ियां 24 घंटे मूव करेंगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोई भी इमरजेंसी होने पर सिर्फ एक कॉल पर 15 मिनट में पुलिस मदद के लिए पहुंचेगी। पटना के पटेल नगर में बिहार पुलिस रेडियो मुख्यालय में केंद्रीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। अभी डायल 100 या 101 पर किए जाने वाले कॉल भी इसी कमांड एंड कंट्रोल रूम को ट्रांसफर होंगे। मुख्यमंत्री आज मोबाइल डेटा टर्मिनलों और जीपीएस नेविगेशन सिस्टम से लैस 400 इमरजेंसी रेस्पॉन्स व्हीकल को भी हरी झंडी दिखाया।
जानकारी के अनुसार, इमरजेंसी सेवाओं के लिए एक नंबर करने को लेकर बिहार में लगभग एक साल से काम किया जा रहा था। पटना समेत कुछ जिलों में इसका ट्रायल चल रहा था, जिसके रिजल्ट काफी बेहतर रहे हैं।
अगर आप देश के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में हैं और वहां मोबाइल नेटवर्क नहीं आ रहा। फिर भी आप 112 पर कॉल करके इमरजेंसी सुविधा का लाभ पा सकते है। वहीं 112 पर कॉल करना बिलकुल फ्री है। साथ ही आप लैंडलाइन फोन से भी 112 पर कॉल कर सकते हैं।
अगर आप इमरजेंसी नंबर 112 पर कॉल करते हैं। तो आपको ऑन-स्पॉट फायर ब्रिगेड, मेडिकल और पुलिस की सहायत जल्द से जल्द मिलेगा। वहीं 112 पर आप जिस राज्य में हैं वहां की भाषा बोल सकते हैं या फिर आप हिंदी या अंग्रेजी में मदद मांग सकते हैं।