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1 नवम्बर, 2024
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पटना में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की हुंकार-2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 से भी ज्यादा सीटें जीतेंगे

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सात मोर्चों की राष्ट्रीय कार्यसमिति के आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को आगामी लोकसभा के लिए ऑन कर दिया। अभी से तैयारी में जुटने का आह्वान करते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं मे भरपूर जोश भर दिया।

उन्होंने रविवार को 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा 2024 में जबर्दस्त जीत दर्ज करेगी। यह जीत 2019 के मुकाबले अधिक होगा और एक नए रिकार्ड के साथ लोकसभा सीट जीत कर केंद्र में सरकार बनाएगी।

इससे पहले, बीजेपी के संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति के समापन समारोह में शामिल होने के लिए रविवार को जैसे ही गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचे, स्वागत करने के लिए पटना एयरपोर्ट के बाहर भारी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता जुट गए थे। जिस रास्ते से स्टेट हैंगर से गृह मंत्री अमित शाह निकलेंगे, वहां सड़क पर फूल बिछाया गया था। बीजेपी कार्यकर्ता हाथों में तिरंगा लेकर और वंदे मातरम का नारा लगा रहे थे।

एयरपोर्ट परिसर वाहनों और कार्यकर्ताओं की टोली से पूरी तरह भर गया था। वहीं अमित शाह को रिसीव करने केलिए कई वरिष्ठ बीजेपी नेता भी एयरपोर्ट पहुंचे। स्टेट हैंगर की ओर केवल जिला प्रशासन के पास उपलब्ध सूची के आधार पर नेताओं और मंत्रियों को प्रवेश दिया गया। बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय, राज्य के दोनों उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद समेत कई अन्य नेता विशिष्ट अतिथि कक्ष में गृह मंत्री की प्रतीक्षा में मौजूद थे।

वहीं, शाम सात बजे से रात के नौ बजे तक चले कार्यसमिति के समपान समारोह को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सभी पार्टी के मोर्चा पदाधिकारियों को अभी से ही बूथ स्तर पर जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार में न सिर्फ 2024 का लोकसभा चुनाव बल्कि 2025 का विधानसभा का चुनाव भी गठबंधन के साथ मिल कर लड़ेगी।

उन्होंने कहा, आदिवासी, दलित और पिछड़ा समुदाय भाजपा के एजेंडे में सर्वोपरि है। पार्टी और सरकार गांव, गरीब, किसान, दलित व शोषितों के लिए लगातार काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में ही यह संभव हुआ कि पहली बार कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंची। उससे पहले दलित समुदाय से आने वाले रामनाथ कोविंद पांच साल राष्ट्रपति रहे।

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