सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट “शराबबंदी “को लेकर कई बार अलग-अलग तरीकों से दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन, कई थानाध्यक्षों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाना लाजमी है?
जिले के अंदर कोई ऐसा मोहल्ला और कोई गांव का ऐसा चौराहा नहीं है, जहां होम डिलीवरी नहीं होती है। कई स्कूटी, मोटरसाइकिल इसके गवाह बन चुके हैं। पुलिस की कार्यशैली ठीक हो तो कई धंधेबाजों को इस अवैध धंधे से भाग खड़ा होना उसकी मजबूरी बन जाएगी और लोग राहत की सांस ले सकेंगे।
शाम ढलते ही शराब की होम डिलीवरी शुरू हो जाती है। कई स्कूटी और मोटरसाइकिल से लोग घर-घर शराब पहुंचाने लगते हैं। इन गली-मोहल्लो में एक बार भी पुलिस की गश्ती टीम आती नहीं है। इस कारण यह धंधा काफी फल-फूल रहा है?
अगर कोई भी आम नागरिक संबंधित थाना को सूचना भी देता है तो एक तो थानेदार सरकारी नंबर उठते नहीं हैं। अगर नंबर उठा भी लिया तो आते-आते काफी देर हो जाती है। इस बीच ऐसा प्रतीत होता है कि थानेदार की ओर से धंधेबाजों को फोन कर बता दिया जाता है, क्योंकि आम नागरिकों के फोन के बाद पुलिस के आने और जाने तक माहौल एक दम थम जैसा जाता है।
हालांकि जब कभी पुलिस एक्टिव होती है तो कुछ ना कुछ उपलब्धि हो ही जाती है। लेकिन, इसे रोकने का सटीक प्लान कोई भी पुलिस पदाधिकारी नहीं बनाते हैं। सिर्फ आदेश और निर्देश देते हैं। पकड़े गए लोगों के विरुद्ध पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज देती है।
यह पता लगाने की कोशिश नहीं करती कि आखिरकार वह शराब कहां से खरीदकर लाता है। उत्पाद अधीक्षक सुदेश्वर लाल ने बताया कि शनिवार को सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर के अधिकारियों और सिपाही के साथ संयुक्त अभियान चलाया। इसमें 40 पियक्कड़ एवं छह शराब कारोबारी पकड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्पाद विभाग की ओर से हमेशा अभियान चलता रहता है। और, लोग पकड़े जाते है?
दरभंगा में कई मोहल्लों से अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि इज्जतदार लोगों को अपनी इज्जत बचाने में शराब कारोबारियो के बीच नत-मस्तक रहना पड़ता है। उनका कहना है कि आवारा और अपराधी किस्म के लोग इस धंधे को अंजाम दे रहे हैं। और, फल फूल रहें हैं। पैसों की गर्मी इतनी है कि कभी किसी समय दर्जनों लोग आकर धमकी दे देते हैं। और, बेइज्जती भी करते रहते हैं। थाना में शिकायत कीजिए तो उल्टे पांव भागना पड़ेगा।
कई थानेदारों से जब इस बाबत पूछते हैं तो उनका जवाब है कि शराब के मामले में पुलिस शख्त है। सूचना मिलते ही कार्रवाई होती है। अब, ऐसे में प्रश्न उठता है कि यह अवैध धंधा कैसे रुकेगा? ज्यादातर लोग सलाह देते हैं कि पियक्कड़ को पकड़ने के बाद शराब बेचने वालों का नाम पता लगाकर पुलिस कार्रवाई करती है तो काफी हद तक इस अवैध कारोबारियों पर विराम लगाया जा सकता है।
अलीनगर थाना पुलिस ने तीन वैसे मोटरसाइकिल को शराब के साथ पकड़ा है, जो होम डिलीवरी करता है। पुलिस को पूछना चाहिए कि उसने यह शराब कहां से खरीदा है।