दरभंगा, अपराध ब्यूरो प्रमुख। आरसीपी टैक्स की चर्चाएं हमेशा सुर्खियों में बनी रहती थी। लेकिन, इन चर्चाओं पर कभी चर्चा नहीं हुई। अब जब उनके बगावती सुर सामने आने लगे तो जेडीयू के ही लोग उनको सतह पर लाने के लिए भरसक प्रयास करने लगे।
अब तो उन्होंने जेडीयू की प्राथमिकी सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो लगे आरोपों की जांच के बाद ही पता चल सकता है। चर्चा है कि 35 पन्ने का एक आरोप पत्र जेडीयू कार्यालय में किसी ने सौंपा है।
इसमें नालंदा में 40 बीघे जमीन की खरीददारी समेत कई फ्लेट और जमीन की बात है। अगर यह बात जांच में आती है और खुलासा होता है तो आरसीपी टैक्स का आरोप सच साबित हो जाएगा। इस आरोप वाले पत्र में उनकी पत्नी और दोनों बेटियों के नाम भी शामिल हैं! उनकी एक बेटी चर्चित आईपीएस लिपि सिंह हैं। दूसरी बेटी भी किसी पद पर काबिज हैं ऐसा बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, जेडीयू में सब कुछ ठीक ठाक नहीं हैं। ऐसा माना जा रहा हैं कि आनेवाले समय में इसका चुनावी असर पर सकता हैं। अब जेडीयू के कई लोग आरोप लगाते हैं कि महज नौ सालों में आरसीपी सिन्हा ने नाजायज रूप से 58 प्लॉट की खरीददारी की हैं और इसका जिक्र उन्होंने चुनावी हलफनामें में नहीं किया हैं जो कानून संगत नहीं है।
यही नहीं बताया जा रहा है कि उनकी पुत्री लिपि सिंह भी आईपीएस रहते हुए उनके नाम से खरीदी गई सम्पति का ब्यौरा सरकार को नहीं दिया। कई लोग यह भी बताते हैं कि खरीदी गई जमीन या प्लाट बेनामी भी हो सकती है या पत्नी और दोनों बेटियों के नाम हो सकते हैं!
बता दें कि, किसी जेडीयू के कार्यकर्ता ने यह पत्र जारी कर सबको चौंका दिया। मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस वाले नीति को कितना अपनाती है यह तो वक्त बताएगा! क्योंकि मुख्यमंत्री के ये बिल्कुल खास रहें हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी रहें या जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर पूर्व राज्य सभा सांसद पर इतना बड़ा गंभीर आरोप कितना सच है या कितना झूठ यह तो समय के साथ बाहर आयेगा! लेकिन, सरकार इस आरोप को जांच कराएगी या ठंडे बस्ते में डालेगी, इसपर लोंगों की नजर है!
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव या कई अन्य नेता हमेशा से आरसीपी टैक्स बोलते रहें हैं। कई बार चर्चे में भी यह बात सामने आयी है! पत्र में बताया गया है कि नौ साल में यानि वर्ष 2013 से 2020के बीच 58 फ्लैट एवं प्लाट की खरीददारी हुई है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस खरीदारी के बाबत सरकार को अवगत नहीं कराया गया!
अब चर्चा में बात यह भी आ रही है कि इस बात से श्री सिह काफी नाराज है और इसका असर चुनाव पर भी पर सकता है। हालांकि पार्टी के कई पदाधिकारी इस बात से अनभिज्ञता जाहिर कर रहें है और कुछ भी बोलने से परहेज कर रहें है !ऐसे में पार्टी के का ब्यान तो मायने रखता ही है !
मुख्यमंत्री के हनुमान माने जानेवाले आरसीपी सिंह अब उस चक्र में फंसते नजर आ रहें है जहां से निकलना बड़ी मुश्किल है! जब इतने कम समय में श्री सिंह इतना अकूत सम्पति बना सकते है तो सवाल उठता है कि ऐसे तो कई हनुमान जेडीयू में है जो मुख्यमंत्री के करीब है क्या उनकी भी जांच कराई जाएगी! चर्चा में यह भी बात आ रही है कि श्री सिंह भी इसी तरह कई का पोल खोलने वाले है !इन दिनों चर्चा में यह भी बात सामने आ रही है कि कई मंत्रियों और विधायकों ने अकूत सम्पति बनाई है जो सरकार के नजर में नहीं है !अब देखना होगा कि सरकार का क्या एक्शन होता है!
जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुमार कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू के तरफ से ‘शो काउज”नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसमें स्वतंत्र एजेंसियां भी काम कर सकती है।
इधर आरसीपी सिंह ने आज अपने गांव मुस्तफापुर में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि जेडीयू अब डूबता हुआ जहाज है। उन्होंने कहा कि कई पार्टी के विधायक और सांसद है जिसके पास नाजायज रूप से कमाई हुई जमीन और फ्लैट है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग या कहीं भी इस जमीन का जिक्र इसीलिये नहीं किया कि वह मेरे नाम से नहीं है !उन्होंने कहा कि जो लोग हमारी बेटियों को निशाना बना रहें है तो वह गलत है !यह जमीन नौ सो रुपये कट्ठा की दर से खरीदी गई है और बेटियों ने खरीदी है।
उन्होंने कहा की नौकरी से पहले ही मेरी बेटी यानि 2010से आयकर रिटर्न भर रही है मतलब साफ है कि वह नौकरी से पहले अन्य श्रोतों से कमाती थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 18घंटे नहीं चार घंटे भी काम नहीं करते है बाकी समय में भुजा पार्टी चलती है क्या मुख्यमंत्री का यही काम है। श्री सिंह ने तेवर से साफ है कि आने वाले समय में बड़े बड़े राज खुल सकते हैं।