नवादा कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक पर बोर्ड के निर्णय के बगैर 10 रु के झंडे को व्यापार मंडल तथा विभिन्न पैक्सो में 60 रु पर झंडे के हिसाब से भेज कर लाखों रुपए का वारा न्यारा करने का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।कई पैक्स अध्यक्षों ने तो झंडे लेने से भी इनकार कर दिया है ।भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति रखने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अविलंब लाखों रुपए के घपले के इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की गई।
पूछे जाने पर सहकारिता बैंक के अध्यक्ष रंजीत कुमार ने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। झंडे की राशि व वितरण के मामले का निर्णय कॉपरेटिव बैंक बोर्ड का नहीं है। अगर कॉपरेटिव बैंक के बोर्ड का निर्णय नहीं है तो निश्चित तौर पर घपले के उद्देश्य से इस तरह का कृत्य प्रबंध निदेशक द्वारा किया जा रहा है ।जो अपने आप में एक बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का मामला बनता है ।
पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि नवादा जिले के 187 पैक्सो तथा 14 व्यापार मंडलों में सौ- सौ झंडे वितरित कराए जा रहे हैं। पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि झंडे देखने से साफ तौर पर जाहिर है कि वह 10रु से अधिक की नहीं है ।लेकिन एक झंडे की कीमत 60 रु लिए जा रहे हैं।प्रत्येक पैक्सो तथा व्यापार मंडलों से 6-6 हजार रुपए लेने की बात कही गई ।
इस संबंध मैं प्रबंध निदेशक को जब फोन लगाया गया तो उन्होंने कोई भी सार्थक जवाब दिए बगैर ही अपना फोन काट दी। जिससे उनके सही जवाब से कतराने की मंशा साफ जाहिर होती है
भ्रष्टाचार के कई मामलों में डीएम सहित अन्य अधिकारियों को भी सूचित किया गया ।लेकिन कार्रवाई के बजाय ऐसे भ्रष्ट तत्वों को जिला प्रशासन संरक्षित करती है ।जिससे जिले में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अब राष्ट्रीय ध्वज के नाम पर घपले को जिला प्रशासन में बैठे अधिकारी किस नजर से देखते हैं यह तो वही जाने। लेकिन निश्चित तौर पर यह मामले बड़े ही गंभीर है ।जिसकी जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए।
।एक दर्जन पैक्स अध्यक्षों ने बिहार के मुख्यमंत्री को भेजे गए शिकायत पत्र में कहा है कि अगर झंडे ख़रीदे गए कीमत वसूले जाते तो सभी पैक्स तथा व्यापार मंडलों में 2 लाख 1000 में ही काम चल जाता लेकिन बढ़ाकर राशि दिए जाने से 12 लाख 6000 रु का ब्यय होगा ।एक तरह से माना जाए तो बोर्ड के निर्णय के बगैर बैंक की एक बड़ी राशि का बंदरबांट होगा।
सहजानंद किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल प्रसाद सिंह सहित कई समाजसेवियों ने कहा है कि अगर इस मामले की सही तरीके से जांच नहीं कराई गई तो निश्चित तौर पर आंदोलन चलाया जाएगा। नवादा जिले में प्रशासन तंत्र में लूट रवैया के कारण जिले की स्थिति गंभीर बनी हुई है। वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए जाने के बावजूद भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के बजाय वे स्वयं हिस्सेदार बन जाते हैं। इस कारण भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पाती है।