बिहार में फिर बहार है। नीतेशे कुमार है। नीतीश कुमार सबके हैं। फिलहाल किसी और के हैं। रातों-रात किसी के जानी दुश्मन बन बैठे हैं। मगर, उसी रात किसी की दोस्ती में पड़कर एक नया खेला कर गए। बिहार में नई सरकार बन गई। इस सरकार में पुराने चेहरे हैं। नए भी शामिल हुए हैं।
इसके साथ ही, महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार मंगलवार को हो गया है। नीतीश मंत्रिमंडल के कुल 31 मंत्रियों ने आज राजभवन के राजेंद्र मंडप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। मंत्रियों की सूची को देखा जाए तो इसमें जातीय समीकरण के हिसाब से यादव सरकार भी कहा जा सकता है। कारण, 31 मंत्रियों में यादव जाति से कुल आठ मंत्रियों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है।
सबसे ज्यादा यादव बिरादरी से मंत्री बनने के कारण यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को मंत्री बनाकर कुर्मी को ताज और यादवों की भरमार वाली स्थिति है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जोड़कर कुल 33 लोग मंत्रिमंडल में शामिल हैं।
महागठबंधन की इस नई सरकार में यादव के कुल आठ मंत्री बनाए गए हैं। मुस्लिम समुदाय से पांच, अनुसूचित जाति से पांच, अतिपिछड़ा से चार (इसमें से एक धुनिया पसमंदा मुस्लिम), कुशवाहा समाज से दो, कुर्मी से दो, राजपूत से तीन, भूमिहार से दो, ब्राह्मण से एक, जबकि वैश्य समाज से एक मंत्री बनाए गए हैं। यादव जाति से आने वाले मंत्रियों में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव, ललित यादव, प्रो. चंद्रशेखर यादव, जितेंद्र कुमार राय और बिजेंद्र यादव शामिल हैं।
मंत्री तेज प्रताप यादव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की जिम्मेदारी दी गई। पिछली महागठबंधन सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री थे, मगर इस बार यह विभाग उनके छोटे भाई और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने पास रखा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गृह विभाग अपने पास ही रखा है। इसके अलावा उनके पास सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन विभाग के पास रहेंगे। साथ ही ऐसे सभी विभाग जो किसी को आवंटित नहीं हुए हैं, उनकी जिम्मेदारी भी सीएम नीतीश की होगी। तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग मिला है।
इसके अलावे,आलोक कुमार मेहता-राजस्व एवं भूमि सुधार, आफाक आलम-पशु एवं मत्स्य संसाधन, अशोक चौधरी- भवन निर्माण, श्रवण कुमार-ग्रामीण विकास, सुरेंद्र प्रसाद यादव-सहकारिता, रामानंद यादव-खान एवं भूतत्व, लेशी सिंह – खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, मदन सहनी-समाज कल्याण, सर्वजीत कुमार-पर्यटन, ललित यादव-लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, संतोष कुमार सुमन-एससी/एसटी कल्याण, संजय कुमार झा-जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क,शीला कुमारी-परिवहन, समीर महासेठ-उद्योग, चंद्रशेखर-शिक्षा, सुमित सिंह-विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सुनील कुमार-मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, अनिता देवी-पिछड़ा वर्ड एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण।
नीतीश मंत्रिमंडल में कांग्रेस पार्टी की ओर से दो मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनमें दलित कोटे से मुरारी प्रसाद गौतम को मंत्री बनाया गया है तो अल्पसंख्यक चेहरे के रूप में आफाक आलम को शामिल किया गया है। नीतीश कैबिनेट में आरजेडी के दबंग सुरेंद्र यादव और जेडीयू के बाहुबली जमा खान ने भी मंत्री पद की शपथ ली है।
सुरेंद्र यादव बेलागंज से विधायक हैं। पिछले 30 साल से बेलागंज के विधायक सुरेंद्र यादव की पहचान एक दबंग विधायक और बिहार राजनीति के ताकतवर चेहरे के रूप में की जाती है। अब तक सुरेंद्र यादव 2 बार जनता दल और 5 बार आरजेडी से विधायक रहे हैं। कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम को शामिल किया गया है। मुरारी गौतम रोहतास के चेनारी(एससी) सुरक्षित सीट से विधायक हैं।
वहीं, सरकार बदली, मगर भाई वीरेंद्र को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। अख्तरुल शाहीन का नाम लिस्ट से आउट हो गया। अभी सिर्फ इतना ही कहा जा रहा, तेजस्वी ने नाम काटा। क्यों…जवाब अभी शेष है।