बीजेपी ने आज नई केंद्रीय चुनाव समिति का भी ऐलान कर दिया है। बीजेपी की नई केंद्रीय चुनाव समिति में बिहार से किसी भी नेता को जगह नहीं मिली है। केंद्रीय चुनाव समिति में कुल 15 नेता हैं।
जानकारी के अनुसार, बीजेपी ने अपने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के ऐलान के साथ एक बड़ा मैसेज भी दिया है। कारण, संसदीय बोर्ड से मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
बीजेपी के इस संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति के अध्यक्ष जेपी नड्डा होंगे। सर्वानंद सोनोवाल और बीएस येदियुरप्पा को बीजेपी ने बोर्ड में शामिल किया है। संसदीय बोर्ड बीजेपी की सबसे ताकतवर संस्था है। पार्टी के तमाम बड़े फैसले इसी बोर्ड के जरिए लिए जाते हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को संसदीय बोर्ड में तो जगह नहीं मिली, लेकिन उन्हें दूसरी ताकतवर संस्था चुनाव समिति का सदस्य बनाया गया है। उनके अलावा वन मंत्री भूपेंद्र यादव और राजस्थान से आने वाले ओम माथुर को भी इस चुनाव समिति में जगह दी गई है। केंद्रीय चुनाव समिति से शाहनवाज हुसैन को हटाया गया है. वहीं इस अहम समिति से जोएल ओरम को भी बीजेपी ने हटाया है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड की पूरी लिस्ट
- जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)
- नरेंद्र मोदी
- राजनाथ सिंह
- अमित भाई शाह
- बी. एस. येदयुरप्पा
- सर्बानंद सोनोवाल
- के. लक्ष्मण
- इकबाल सिंह लालपुरा
- सुधा यादव
- सत्यनारायण जटिया
- बी एल संतोष (सचिव)
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति
- जगत प्रकाश नड्डा (अध्यक्ष)
- नरेंद्र मोदी
- राजनाथ सिंह
- अमित भाई शाह
- बीएस येदयुरप्पा
- सर्बानंद सोनोवाल
- के लक्ष्मण
- इकबाल सिंह लालपुरा
- सुधा यादव
- सत्यनारायण जटिया
- भूपेन्द्र यादव
- देवेन्द्र फडणवीस
- ओम माथुर
- बीएल संतोष (सचिव)
- वनथी श्रीनिवास (पदेन)
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इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बी. एस. येदयुरप्पा, सर्वानंद सोनोवाल, के. लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा,सुधा यादव, सत्यनारायण जटिया, भूपेंद्र यादव, देवेंद्र फडणवीस, ओम माथुर, बीएल संतोष और आवंथी श्रीनिवास को केंद्रीय चुनाव समिति में जगह मिली है। इस समिति में पहले बिहार से शाहनवाज हुसैन शामिल हुआ करते थे, लेकिन अब उनकी भी छुट्टी हो गई है।
जेपी नड्डा ने पार्टी की संसदीय बोर्ड का गठन किया है। इमसें बी एस येदियुरप्पा, सर्वानंद सोनोवाल, के लक्ष्मण, सुधा यादव, इकबाल सिंह लालपुरा, सत्यनारायण जटिया और बी एल संतोष को शामिल किया गया है। नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से हटा दिया गया है। येदियुरप्पा को संसदीय बोर्ड में लाने के पीछे बीजेपी की बड़ी रणनीति दिख रही है। येदियुरप्पा का कर्नाटक में बड़ा आधार है और पार्टी उनके जरिए 2023 में फिर से सत्ता में आने की कोशिश करेगी।