दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो प्रमुख। विशाल हत्याकांड में कई घुमावदार पहलू हैं। इसे सुलझाने के बाद ही पुलिस अपराधियों तक पहुंच सकती है। इस घटना के बाद सूत्रधार रहे प्रिंस कुमार साह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया लेकिन ऐसा लगता है कि प्रिंस ने विशाल की हत्या का सही कारण नहीं बताया।
सूत्रों की माने तो जिन दो के नाम उसने बताए हैं, उस पर खुद पुलिस को विश्वास नहीं है। लेकिन, एक बात यह भी सही है कि जिन दो के नाम सामने आए हैं, पुलिस उसके तथ्यों को जरूर पता लगाएगी। और, अपराधियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
मृतक विशाल के परिजनों से पूछताछ के बाद यह तो स्पष्ट है कि इस हत्याकांड का सूचक वहीं है। क्योंकि विशाल ने मुहर्रम के दिन सिकंदर के दुकान पर चाय पी रहा था। उसी वक्त प्रिंस का फोन आया। और कहा, तुम फलाने जगह तुरंत आओ। उस दुकान से विशाल चला। उसके साथ अपनी मोटरसाइकिल पर लक्ष्मण पासवान भी पीछे पीछे चला।
घटना स्थल से थोड़ी दूर पहले लक्ष्मण पासवान मुड़ गया। घटना के बाद पुलिस ने लक्ष्मण से भी इस मामले में पूछताछ की। लक्ष्मण ने कहा कि विशाल हमें कहा था कि तुम यही से मुड़ जाओ। और, अपने भाई अशोक को लेकर मेरे पास आओ।
लक्ष्मण वहां मुड़ गया और विशाल अपनी मोटरसाइकिल से आगे बढ़ा। कुछ ही दूरी पर अपराधियों ने गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। एक शक तो लक्ष्मण के बातों से भी हो रहा है कि घटना से पहले ही वह कैसे रास्ते से मुड़ गया!
उधर, जिस चौक पर घटना घटी, उस चौक से दस मिनट पहले वहां से पतोउर की पुलिस लौट रही थी। वहां प्रिंस बैठा था। पुलिस को दूर से आता देख उसने पुलिस-पुलिस का हल्ला भी किया था। ताकि, घात लगाए अपराधी सतर्क हो जाएं!
पुलिस वहीं से गुजरी लेकिन वह भांप नहीं पाई। पुलिस अपनी चाल में आगे बढ़ गई। पुलिस कुछ ही दूर आगे गई होगी तब तक विशाल उधर से आ रहा था। घात लगाए अपराधी दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर आगे बढ़े। विशाल के सामने पड़ते ही एक गोली मारी। वह मोटरसाइकिल से गिर पड़ा। अपराधी मोटरसाइकिल से उतरकर कई राउंड गोली उसे दाग दिया। गोली क्रूरता पूर्वक मारी गई। आंख, गला समेत कई जगह गोली मारी। इस घटना के बाद प्रिंस ने ही विशाल के परिजनों को सूचना दी कि उसकी हत्या हो गई है।
सूत्रों कि माने तो पतोर गांव के एक कुटुम्ब कुछ दिनों से विशाल से संपर्क साधा था। आखिर वह कुटुम्ब कौन था? विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि वह कुटुम्ब बेगूसराय जिले के कुंदन सिंह नाम का कोई व्यक्ति है जो दो-चार दिनों से विशाल के करीब आना चाह रहा था।
सूत्र यह भी बताते हैं कि इसके अलावे पतोर गांव का ही अमित मिश्रा कुछ महीने से रामभद्रपुर मिलने आता था, लेकिन उसने विशाल से कहा कि आठ अगस्त को मैं गुवाहाटी जा रहा हूं। अब यहां सवाल उठता है कि अमित आठ अगस्त को गुवाहाटी गया या नहीं क्योंकि नौ अगस्त को विशाल की हत्या हो जाती है।
यहां बता दें कि बहादुरपुर थाना क्षेत्र के पतोर ओपी अंतर्गत पड़ने वाला यह गांव आपराधिक दृष्टि से चर्चित गांव है !कही वर्चस्व को लेकर विशाल की हत्या तो नहीं हुई। कहावत भी है कि जंगल में एक शेर ही रह सकता है। ऐसे में पुलिस की दिशा ही तय कर सकती है कि आखिरकार विशाल की हत्या किसने की !प्रिंस का भी आपराधिक इतिहास है।
फिलहाल विशाल के परिजन काफी डरे सहमे है उन्हें पुलिस की और से सुरक्षा की गारंटी नहीं दी गई है। इधर दूसरा पहलू यह भी है जिस पर पुलिस को ध्यान देने की जरूरत है। दो ढाई साल पहले भी विशाल को गोली मारी गई थी जो गोली उसके पैर में लगी थी लेकिन लोंगों की मौजूदगी ने उसकी जान बचाई। इस मामले में उसके पिता आनंदपुर कॉलेज के सहायक प्रो. गुणानंद झा ने पतोर गांव के ही दो लोंगों को नामजद किया था। इसमें एक चर्चित अपराधकर्मी है। उस अपराधी का नाम बताने से सभी हिचक रहे हैं।
अब पुलिस कब तक अपराधियों का नाम सामने लाती है यह पुलिस ही बता सकती है। प्रभारी डीएसपी बिरजू पासवान ने बताया कि प्रिंस को जेल भेज दिया है। जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा?