दरभंगा, देशज टाइम्स। समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में मनरेगा की योजनाओं की प्रगति की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 58 लाख 85 हजार 832 मानव दिवस रोजगार सृजित किए गए हैं। 2021 में 31 जुलाई तक 50 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे,विगत वर्ष की तुलना में वर्तमान वर्ष की स्थिति बेहतर है।
जिलाधिकारी ने लक्ष्य प्राप्त नहीं करने वाले प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी से धीमी प्रगति के लिए जवाब तलब किया। जिनमें हायाघाट, बेनीपुर, बहेड़ी एवं बहादुरपुर शामिल रहे, वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति एवं महिलाओं के लिए मनरेगा के तहत रोजगार सृजन के लिए लक्ष्य के अनुरूप जॉब कार्ड नहीं बनवाने के लिए निचले पायदान पर रहने वाले प्रखंडों से जवाब तलब किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि मनरेगा में ज्यादातर रोजगार उन्हीं लोगों को मिलता है जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। अनुसूचित जाति और महिलाओं को अधिक से अधिक इस योजना से जोड़ा जाए। बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति को मनरेगा में रोजगार प्रदान करने का राज्य औसत 22 प्रतिशत है जबकि दरभंगा का 9.2 प्रतिशत है।इसी प्रकार महिलाओं को राज्य स्तर पर रोजगार देने का प्रतिशत 68 है, जिसे प्राप्त करने का निर्देश दिए गए। जिन प्रखंडों में महिलाओं को रोजगार देने का प्रतिशत कम रहा, उन्हें सख्त हिदायत देते हुए लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।
विगत वर्षों में मनरेगा की योजनाओं को पूर्ण करने की स्थिति की समीक्षा में पाया गया कि कई प्रखंड में वर्ष 2019-20 की काफी योजनाएं अपूर्ण हैं, जिनमें केवटी, तारडीह मुख्य रूप से शामिल रहे। जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए सभी लंबित योजनाओं को पूर्ण करने का निर्देश दिया।
आवास योजना के लाभुकों को मनरेगा के तहत दी जाने वाली 90 दिनों का काम व भुगतान की गई मजदूरी की समीक्षा में पाया गया कि कुशेश्वरस्थान पूर्वी, बहेड़ी एवं मनीगाछी में काफी लोगों की मजदूरी देय है। जिलाधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए तीनों प्रोग्राम पदाधिकारी को चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि आवास योजना में मनरेगा की मजदूरी लंबित नहीं रहनी चाहिए।
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान दिए गए लक्ष्य को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ ही निर्देश दिया गया कि जो योजना पूर्ण हो गई हो उसकी देय राशि लंबित नहीं रहनी चाहिए। सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को मनरेगा के तहत मजदूरी का स-समय भुगतान, स-समय एमबी बुक करने, स-समय मास्टर रोल भरने के निर्देश दिए गए।
पौधरोपण की समीक्षा के दौरान बताया गया कि दरभंगा जिले को 6.18 लाख पौधारोपण का लक्ष्य दिया गया। वर्तमान में 2 लाख 40 हजार पौधारोपण कराया गया है। जिलाधिकारी ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को अपने अंचलाधिकारी से समन्वय स्थापित कर सरकारी जमीनों की सूची प्राप्त कर उनपर सघन वृक्षारोपण कराने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी निजी जमीन पर पौधारोपण करना चाहता है तो कार्यक्रम पदाधिकारी निर्धारित दर पर आवश्यकतानुसार उस व्यक्ति को पौधा उपलब्ध कराएं। अमृत सरोवर की समीक्षा के दौरान उप विकास आयुक्त ने बताया कि दरभंगा के 94 में से 38 सरोवर पर कार्य पूर्ण हो गया है, शेष पर कार्य जारी है।
जिलाधिकारी श्री रौशन ने अमृत सरोवर के चारों ओर सघन पौधरोपण कराने का निर्देश दिए। बैठक में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, डीपीओ मनरेगा एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।