दिल्ली पुलिस के कारनामों ने आम लोगों को सकते में डाल दिया है। अवैध उगाही की मंशा लेकर बैठी दिल्ली पुलिस के कारनामों को देखेंगे तो आप भी हैरान हो जाएंगें। यही नहीं, पुलिसिया सिस्टम से विश्वास तो बिल्कुल ही खत्म हो जाएगा। मामला करौल बाग थाने से जुड़ा है।
ऐसा लगता है कि शातिर और गलत कारनामे को अंजाम देने वाले अपराधी तत्वों से इनकी पुख्ता गठजोड़ है। अगर ऐसा नहीं रहता तो दरभंगा से गए दो युवकों को थाना की पुलिस अपना शिकार नहीं बनाती।
दरअसल, बिहार स्थित दरभंगा जिला अंतर्गत लहेरियासराय से दो युवक दिल्ली गए हुए थे। कारण यह था कि लहेरियासराय के बाकरगंज मुहल्ला निवासी बैद्यनाथ महथा के पुत्र मिथिलेश ने करौलबाग स्थित देशबंधु गुप्ता रोड में अशोका इंटरनेशनल के बेसमेंट के ऑफिस नंबर 32 में ग्लोबल विजनेस नामक कंपनी के मालिक अमित शर्मा को एक लाख रुपए पान मसाला के लिए अग्रिम दो अप्रैल को दिए थे।
लेकिन, कई माह बीत जाने के बाद बार-बार फोन करने के बाद भी अमित शर्मा ने गुटका नहीं भेजा। करीब चार महीने बीतने के बाद मिथिलेश अपने एक साथी मनोज भास्कर के साथ दिल्ली पहुंचा। वहीं, एक होटल में कमरा लिया। फिर दोनों अमित शर्मा के पास अपने दिए पैसों को मांगने गया।
अमित शर्मा ने दोनों से कहा कि मैं एक दो दिनों में पैसे दे दूंगा। एक दो दिन बीत गए। और,अमित ने पैसे नहीं दिए।मनोज पैसों को लेकर जिद करने लगा। फिर क्या था… !
मनोज के मोबाइल पर एक महिला का फोन आया। पूछा कौन हो! मनोज ने नाम बताया। फिर क्या था उक्त महिला ने गंदी गंदी गाली दी। मनोज उस वक्त मेट्रो ट्रेन में था। बाजार से कुछ देर में होटल लौटा। तब तक करौलबाग थाने से फोन आया।
तुम मनोज हो थाने आ जाओ। फिर क्या था। पुलिस का खेल शुरू हुआ। पुलिस ने कहा, अब तुम्हें डेढ़ लाख रुपए देना पड़ेगा। फिर तुम्हें राहत मिलेगी। इस खेल में महिला सिपाही प्रीति एवं विष्णु नामक एसआइ का जबरदस्त रोल दिखाई पड़ा।
मिथिलेश और मनोज का थाने में बैग, मोबाइल, लैपटाप आदि पुलिस जब्त कर टॉर्चर कर रही है। ऐसा लगता है कि पुलिस गुंडा है या गुंडा पुलिस है। इन सारे मामलों को लेकर दरियागंज के डीसीपी को लिखित आवेदन मिथिलेश ने दिया है। अब देखना यहां यह है कि थाने के तर्ज पर डीसीपी चलेंगे या फिर इस मामले में जांच कर दोषी पुलिस कर्मी को दंडित करेंगे!
इस पूरे प्रकरण में एक सवाल उठता है कि मिथिलेश से लिए पैसे अमित को देना था। इसमें वह महिला कहां से आ गई जिसने उल्टे पीड़ित पक्ष को गंदी-गंदी गाली दी। और उल्टे पुलिस को फोन कर निर्दोष लोंगों को फंसाने की साजिश रच दी। और, पुलिस वाले भी उस महिला के इशारे पर नाचने लगी।
आखिरकार वह महिला कौन है! चर्चा तो यहां तक है कि उक्त महिला पेशेवर है। और, पुलिस को तालमेल में रखकर निर्दोष लोंगों को फंसाती है। और, पुलिस की ओर से पैसे उगाही कर बंदरबांट करती है। बाहर जिला से गए लोग इसका शिकार हो जाते हैं! उक्त महिला की मोबाइल और थाना के सभी कर्मियों के मोबाइल का डिटेल निकाला जाए तो पूरे मामले से पर्दा उठ जाएगा!
यह एक गंभीर मामला है जिसे दिल्ली पुलिस को समय रहते निर्दोष को न्याय दिलाना है नहीं तो दिल्ली पुलिस से लोगों का विश्वास उठ जाएगा। पुलिस ने मनोज का वह मोबाइल भी जब्त कर लिया है, जिसमें पुलिस के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।
सुनिए ऑडियो….जो खाेलती है दिल्ली पुलिस की विभत्स और खतरनाक हो चुका चेहरा
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