बेनीपुर। बाढ़ सुखाड़ की दोहरी मार झेल रहे बेनीपुर के किसानों के समक्ष यूरिया की किल्लत एक विकराल समस्या बनकर सामने खड़ी हो गई है। खाद विक्रेताओं ने जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी तक गुहार लगाते लगाते थक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
फलस्वरूप बचे कुचे आस भी दम तोड़ने लगी है। गत 2 वर्षों से स्थानीय कृषकों के लिए बाढ़ की समस्या विकराल रूप से सामने खड़ी हो गई थी। इसमें सब कुछ गवा कर इस वर्ष अच्छी फसल की आस लगाए हुए किसान बैठे हुए थे ।लेकिन जून एवं जुलाई माह में मौसम की बेरुखी ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेरना शुरू कर दिया।
लेकिन, किसानों ने हार ना मानते हुए किसी तरह खेतों में बिचड़े लगाए और पंपिंग सेट से सिंचाई करते हुए बिचड़े को बचाया और जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुए झमाझम बारिश ने चेहरे किसानों के चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी थी । अफरातफरी के माहौल में उक्त बारिश के पानी पर ही किसानों ने 60 फ़ीसदी से अधिक धान का फसल का आच्छादन कर लिया।
लेकिन, उसके बाद फिर मौसम की बेरुखी के बावजूद किसानों ने मंहगे डीजल खरीद कर भी धान की फसल को बचाने में जुटे हुए हैं । लेकिन इस बीच निकोनी के बाद जब धान की फसल में यूरिया खाद डालने की समय आई तो रब्बी के मौसम में डीएपी जैसे ही यूरिया की भयंकर किल्लत हो गई।
पोहद्दी गांव के कृषक रामनरेश झा सुशील चौधरी, वकील मुखिया, अमरनाथ झा, नवादा के संतोष झा, अशोक झा, धनंजय कुमार झा,पौड़ी गांव के बिमलेन्दु चौधरी सहित रमोली के मुखिया उगन झा, सझुवार के मुखिया चंदन कुमार झा, नवादा के मुखिया प्रदीप कुमार यादव सहित अन्य लोग बताते हैं कि किसान एक दुकान से दूसरे दुकान, एक बाजार से दूसरे बाजार की चक्कर लगा रहे हैं लेकिन यूरिया खाद बाजार में अनुपलब्ध है। जबकि धान की फसल पीले परते जा रहे हैं।
दूसरी ओर, बेनीपुर उर्वरक विक्रेता संघ के अध्यक्ष महेश झा बताते हैं कि स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर सभी जनप्रतिनिधियों से मिलकर गुहार लगाई गई या तो उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराई जाए अन्यथा बिक्री दर में छूट दी जाए जिससे किसानों को स समय उर्वरक की उपलब्धता कराई जाए। लेकिन जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण उर्वरक का व्यवसाय व्यापारियों के लिए घाटा का सौदा बना हुआ है।
इसके कारण यूरिया का उठाव बंद कर दुकान को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है ।इस संबंध में पूछने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी नकुल प्रसाद बताते हैं कि विक्रेताओं से बातचीत कर उच्चाधिकारी को सूचित कर दिया गया है और जल्दी ही किसानों को यूरिया खाद की किल्लत दूर कर दी जाएगी।