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26 नवम्बर, 2024
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दरभंगा का यह रेफरल अस्पताल…जहां मेहमान बनकर सप्ताह में दो दिन आते हैं डॉक्टर, जंग खाते उपकरण…छत से टपकता पानी, हर जगह सिस्टम दे रहा मरीजों को दर्द

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मुख्य बातें
भगवान भरोसे रेफरल अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था
सप्ताह में दो दिन चिकित्सक ओपीडी देख वापस चले जाते हैं

आयुष चिकित्सक के सहारे अस्पताल की टिकी है स्वास्थ्य व्यवस्था जाले देशज टाइम्स की यह रिपोर्ट।

दरभंगा का यह रेफरल अस्पताल…जहां मेहमान बनकर सप्ताह में दो दिन आते हैं डॉक्टर, जंग खाते उपकरण…
छत से टपकता पानी, हर जगह सिस्टम दे रहा मरीजों को दर्द, कौन सुनेगा, किसको सुनाएं…इस लिए खामोश मरीज और परिजन अगले शुक्रवार को आने के आदेश मिलते ही अभी-अभी घर लौट रहे हैं, देशज टाइम्स की पड़ताल करती रपट

जाले रेफरल अस्पताल में आए बीमारों को समुचित स्वाथ्य सुविधा नहीं मिल पा रहा है। बड़े ही तामझाम के साथ बल्ड बैंक और बल्ड संग्रह केंद्र को पिछले वर्ष समारोह पूर्वक उद्घाटन किया गया था, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही यह सेवा पूर्णतः ठप है।

बल्ड बैंक के लिए के लिए एक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति की गई थी। परंतु, वह जाले रेफरल में अपना योगदान ही नहीं दिया। नतीजतन, लाखों के उपकरण जंग खा रहा है। वहीं, यही हाल दंत चिकित्सा विभाग का है, रेफरल अस्पताल को दांत चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति रहते के बाबजूद चिकित्सक साप्ताहिक ओपीडी ड्यूटी कर वापस लौट जाते है,नतीजतन दांत रोग विभाग का ताला महीनो से नहीं खुला है।

अस्पताल में चमचमाती नई एंबुलेंस रहते हुए भी चालक के हड़ताल के कारण बीते 20 जुलाई से एंबुलेंस सेवा ठप है।इससे अस्पताल के  गंभीर रोगियों के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। शुक्रवार को देशज टाइम्स की टीम अस्पताल की पड़ताल की तो देखा कि महिला रोगियों की भीड़ लगी है।

गर्भवती माताओं को अल्ट्रासाउंड किया जाना था, लेकिन ड्यूटी के बावजूद महिला चिकित्सक की ओर से तीन गर्भवती महिला का अल्ट्रासाउंड किए। जाले के बाद सभी दो दर्जन महिलाओं को अगले शुक्रवार को फिर आने की बातें बताकर अस्पताल से चली गई। एक अस्पताल कर्मी ने बताया कि यहां डॉक्टर सप्ताह में दो दिन अपने रोस्टर के हिसाब से ओपीडी करते हैं एक ओपीडी के बाद बिना बताए वापस चले जाते हैं।

रेफरल अस्पताल बिना उद्घाटन के कार्यरत
जाले रेफरल अस्पताल के भवन को इसके बिल्डिग बनने के तत्काल बाद निगरानी विभाग ने अयोग्य भवन घोषित कर दिया था। वहीं, जाले प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र का भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण तात्कालिक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा इसी अयोग्य भवन में पीएचसी और रेफरल अस्पताल का संचालन बिना उद्घाटन किए प्रारंभ कर दिया,आज भी रेफरल अस्पताल के छत के ऊपर एल्बेस्ट्रेस डाल कर छत से टपकते बरसाती पानी को रोका गया है।
स्वीकृत पद के हिसाब से कम हैं चिकित्सक और कर्मी

रेफरल अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत 2 एमबीबीएस डॉक्टर हैं। वहीं, प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र जाले में डॉ. रामप्रीत राम, डॉ. एनसी विश्वास, डॉ. मो. जियाउल्लाह, डॉ. डीसी सरकार, डॉ. अनुराधा कुमारी और दांत के डॉ. फैयाज अहमद फातमी, डॉ. अमरनाथ गुप्ता उपरोक्त सूची में आयुष डॉक्टर शामिल हैं। एएनएम 27  जीएनएम चार  के सहारे संपूर्ण प्रखंड के स्वाथ्य अस्पताल सेवा सहित सभी प्रतिरक्षण टीका कार्य संचालित हो रहा  है।

अस्पताल में एलएचभी रिक्त है, वही ड्रेसर नही है फार्मासिस्ट नही है।चतुर्थ वर्गीय कर्मी स्वीपर एवम रसोइया का पद रिक्त है। लैब टेक्नीशियन टीभी में 1 एड्स में एक एवम पी एच सी में एक है। बेसिक हेल्थ वर्कर नहीं हैं। चिकित्सक एवम स्वाथ्य कर्मी को घोर कमी के बावजूद अस्पताल में बीमार मरीजों को इलाज को लेकर गरीब गुरबा सरकारी दवा मिलने की प्रत्याशा में तो आते है,लेकिन स्वाथ्य महकमा का रूखेपन के शिकार हो कर इसी अस्पताल के डॉक्टर के प्राइवेट क्लीनिक पर पहुंचते हैं। जहां वह आर्थिक शोषण का शिकार होते हैं।
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