
जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit takes oath as CJI) ने आज देश के नए चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ले ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। 26 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस यूयू ललित को चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। वे देश के 49वें चीफ जस्टिस होंगे।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे शपथ समारोह के दौरान समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री किरेन रिजीजू, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस के कोल, एजी के के वेणुगोपाल, एस जी तुषार मेहता सहित कई मंत्री, विपक्ष के नेता, सुप्रीम कोर्ट जज और विधिवेता मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण से पहले निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण के विदाई समारोह में उन्होंने तीन मुख्य सुधारों के बारे में बात की। जस्टिस यूयू ललित ने कहा, मेरा प्रयास रहेगा मामलों को सूचीबद्ध करने में पारदर्शिता हो। ऐसी व्यवस्था बना सकूं, जिसमें जरूरी मामले संबंधित पीठों के सामने स्वतंत्रता पूर्वक उठाए जा सकें। इसके अलावा कम से कम एक संविधान पीठ की बना सकूं,जो सालभर काम करती रहे।
10 अगस्त को राष्ट्रपति ने जस्टिस ललित को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया था। चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल 8 नवंबर तक का होगा। जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर, 1957 को हुआ था। जून 1983 से उन्होंने वकालत शुरू की।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील हैं। उनके दादा रंगनाथ ललित आजादी से पहले सोलापुर में एक सम्मानित वकील रह चुके हैं। रंगनाथ ललित अपने समय में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ मंच साझा कर चुके हैं।1985 तक बाम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के बाद वे जनवरी 1986 में दिल्ली शिफ्ट हो गए। अप्रैल 2004 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा दिया गया। 2 जी के मामले में वे सीबीआई के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नियुक्त किए गए। उन्हें 13 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।
जस्टिस ललित से पहले 1971 में जस्टिस एस एम सिकरी देश के पहले मुख्य न्यायाधीश बने थे जो सीधे बार से आए थे। जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर 2022 तक रहेगा। इस तरह मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल मात्र 74 दिनों का ही रहेगा।