सेक्टर-93-ए में सुपर टेक कंपनी के दो अवैध टावर को आज (रविवार) दोपहर ढाई बजे विस्फोट से ढहा दिया गया। यह दोनों टावर दिल्ली की कुतुबमीनार से भी ऊंचे और भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े थे। इस पूरी प्रक्रिया में नौ से 12 सेकंड लगे। नोएडा में सुपरटेक के दो ट्विन टावर जमींदोज कर दिए गए हैं। 30 और 32 मंजिला ये गगनचुंबी इमारतें पलक झपकते ही मिट्टी में मिल गईं। बटन दबाते ही 9-12 सेकंड के अंदर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फाइनल तामील हो गई।
नोएडा के सेक्टर-93 में निर्मित सुपरटेक के अवैध ट्विन टॉवर 3700 किलोग्राम विस्फोटक के ब्लास्ट से निर्धारित समय अपराह्न 2.30 बजे ढहा दिए गए। 32 मंजिला इस इमारत को गिरने में करीब 12 सेकेंड का समय लगा।
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से अनुपालन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि टॉवर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आसपास के आवासीय परिसर में निवासरत लोगों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाए, साथ ही पर्यावरणीय मानकों का भी ध्यान रखा जाए।
ध्वस्तीरण के लिए पहले से तैयारी कर ली गयी थी। एमराल्ड कोर्ट के 660 भवन और एटीएस विलेज के 762 भवनों को 28 अगस्त को सुबह ही खाली करा लिए गए। अनुमान है कि ध्वस्तीकरण के कारण करीब 80 हजार टन मलबा पैदा होगा। इस मलबे को तय टाइमलाइन के अनुसार अगले तीन माह में निस्तारित कर दिया जाएगा। आसपास के लोगों को वाहन पार्किंग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था दी गयी। पढ़िए पूरी खबर
टावर गिराने के लिए जेट डेमोलिशन, एडफिस इंजीनियरिंग और सीबीआरआई की टीम ने शनिवार को टावर के अंदर विस्फोटक से जुड़े वायर की जांच और ‘ट्रिगर’ दबाए जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया था। नोएडा प्राधिकरण और पुलिस ने आसपास की व्यवस्था को दुरुस्त किया था। एक धमाका होते ही नोएडा के ट्विन टावर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। इसे गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया गया था।
सेक्टर-93-ए में बने 103 मीटर ऊंचे (32 मंजिला) एपेक्स और 97 मीटर ऊंचे (29 मंजिला) सियान टावर को ध्वस्त करने के लिए 3700 किलोग्राम विस्फोटक अलग-अलग फ्लोर पर लगाए गए थे। सुरक्षा कारणों से एमराल्ड कोर्ट और आसपास की सोसायटी के फ्लैट्स खाली करा लिए गए थे।
इसके अलावा करीब तीन हजार वाहनों और 200 पालतू पशुओं को भी बाहर कर दिया गया था। ध्वस्तीकरण क्षेत्र के आसपास के 500 मीटर इलाके को निषेध क्षेत्र घोषित किया गया था। यहां केवल छह लोग ब्लास्ट साइट से 100 मीटर की दूरी पर रहे। इनमें तीन दक्षिण अफ्रीकी ब्रिंकमैन, मार्टिंस, केविन स्मिथ शामिल हैं। एडफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता के मुताबिक पुलिस की मंजूरी मिलने पर दोपहर ढाई बजे ‘ट्रिगर’ दबाया गया।
डीसीपी (यातायात) गणेश पी साहा के मुताबिक डायवर्जन लागू करने का कार्य देररात पूरा कर लिया गया। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे दोपहर 2:15 से लेकर 2:45 तक बंद रहेगा। धूल का गुबार अगर एक्सप्रेस-वे की तरफ रह, तो इसे कुछ और देर के लिए बंद रखा जा सकता है। एक्सप्रेस-वे के बंद होने की जानकारी गूगल मैप पर करीब 45 मिनट पहले दिखनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए वैकल्पिक मार्ग गूगल मैप में दिखेगा।
नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर नेस्तानाबूत हो गए हैं। महज 9-12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारतें स्वाहा हो गईं। इसके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था।
मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद हैं। वहीं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर मौजूद हैं जिनसे पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही बंद है। इसे करीब तीन बजे खोला जाएगा
डीसीपी (सेंट्रल) राजेश एस ने बताया कि करीब 400 पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी तैनात रहेंगे। नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि छह एंबुलेंस मौके पर रहेंगी और जिला अस्पताल के साथ फैलिक्स और यथार्थ अस्पताल में भी बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऋतु माहेश्वरी के मुताबिक करीब 60 हजार टन मलबा दोनों टावर से निकलेगा। इसमें से करीब 35 हजार टन मलबे का निस्तारण कराया जाएगा। ध्वस्तीकरण के बाद उठने वाली धूल को साफ करने के लिए कर्मचारी, स्वीपिंग मशीन, एंटी स्माग गन और पानी छिड़कने की मशीन के साथ वहां मौजूद रहेंगे।
एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के 1396 फ्लैट्स में रह रहे करीब 7000 लोगों में से 90 प्रतिशत ने शनिवार शाम अपने घर खाली कर दिए। ये लोग कहीं और चले गए। बाकी लोगों ने रविवार सुबह सात बजे तक फ्लैट खाली कर दिए। ये सभी आज शाम पांच बजे क्लीयरेंस मिलने पर अपने फ्लैट्स में लौट पाएंगे।
वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक से ध्वस्त किए जाएंगेः ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक के जरिए किया जाएगा। यह तकनीक दोनों टावर को कुछ ही सेकेंड में ताश के पत्तों की गिरा देगी। वाटरफॉल तकनीक का मतलब है कि मलबा पानी की तरह गिरेगा। यह तकनीक इनको ढहाने के बाद इतिहास में दर्ज हो गई।
नॉटिकल मील तक बंद रहेगा एयर स्पेसः नोएडा प्राधिकरण ने इस बारे में कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें एक अहम एयर स्पेस को लेकर है। टावरों के आसपास एक नॉटिकल मील (समुद्री मील) का हवाई क्षेत्र विमानों के लिए बंद रहेगा। एक नॉटिकल मील लगभग 1.8 किलोमीटर के बराबर होता है।