सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 5 सितंबर को करने का आदेश दिया।
जानकारी के अनुसार,हिजाब प्रतिबंध मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में शीर्ष अदालत अब पांच सितंबर को सुनवाई करेगी। दरअसल, सोमवार को शीर्ष कोर्ट हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान एससी ने कहा कि वह स्थगन की मांग वाली याचिका स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि मामले में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखते हुए कर्नाटक HC के फैसले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। अब इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार 5 सितंबर को है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने सुनवाई टालने की मांग की। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि जब मामला सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाता है तो आप सुनवाई टालने की मांग करते हैं। यह तरीका सही नहीं है। कर्नाटक की दो छात्राओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में हिंदू सेना के नेता सुरजीत यादव ने भी कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट के फैसले पर रोक का एकतरफा आदेश न देने की मांग की है।
15 मार्च को कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं कहते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध के सरकार के निर्णय को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उलेमाओं की संस्था समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने भी याचिका दाखिल की है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या करता है। मुस्लिम लड़कियों के लिए परिवार के बाहर सिर और गले को ढक कर रखना अनिवार्य है।
कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए।
इसके बाद विवाद और बढ़ गया। जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।