मधेपुरा पुलिस और सेक्स रैकेट के खेल में नया थ्रील सामने आ रहा है। इसको लेकर एक्शन भी शुरू है। कॉलगर्ल दलाल से एसपी का का मोबाइल बरामद करते हुए कॉलगर्ल बुलाने की जांच का आदेश दे दिया गया है। कोसी डीआईजी शिवदीप लांडे ने कहा है कि इस पूरी घटना से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। सुपौल एसपी डी अमरकेश के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर दिया है। जांच दल को विभिन्न बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया गया है।
इधर, महिला के पास से मधेपुरा एसपी का मोबाइल फोन बरामद किया गया है। महिला मधेपुरा के डीएसपी हेड क्वार्टर पर कहा था कि वह कॉल गर्ल सप्लायर है। बड़े-बड़े अफसरों के पास लड़की पहुंचाती है। पदाधिकारी लड़कियों के साथ मौज मस्ती करते हैं।
महिला ने दावा किया है कि सदर अस्पताल के पास रहने वाले डीएसपी साहब के पास उसने एक कॉलगर्ल को चार बार भेजा। आवास में डीएसपी मुख्यालय अमरकांत चौबे रहते हैं। डीएसपी साहब ने कहा था कि एक घंटे के लिए तीन रुपए दिए जाएंगे।ज्यादा देर रखने पर पांच सौ रुपए मिलेंगे।
पहली बार कॉल गर्ल को डीएसपी साहब ने तीन सौ रुपये दिए। कॉल गर्ल को डीएसपी के घर पर तीन बार भेजा गया, लेकिन पैसे नहीं मिले। नाराज होकर लड़की ने बिस्तर पर तकिए के नीचे रखा मोबाइल चुरा लिया। पता चला कि मोबाइल मधेपुरा एसपी का सरकारी फोन था। पुलिस ने महिला से चोरी किया गया मोबाइल फोन बरामद कर लिया है।
वहीं,कोसी डीआईजी शिवदीप लांडे ने सुपौल एसपी डी अमरकेश के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर दिया है। जांच टीम में सुपौल एसपी डी अमरकेश, सहरसा के मुख्यालय डीएसपी एजाज हफीज मानी, पुलिस निरीक्षक सदर अंचल निरीक्षक प्रशांत कुमार और अतिरिक्त सदस्य के रूप में सहरसा महिला थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपाश्री को शामिल किया गया है। जांच टीम को कई बिंदुओं पर जांच कर 36 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है।