बिहार में गोपालगंज और मोकामा में विस उपचुनाव की डुगडुगी बज गई है। आज से नामांकन शुरू हो गया है। इसके साथ ही जोर आजमाइश तो है ही इस चुनाव में परिवारवाद भी दिखेगा ऐसी संभावना बनती दिख रही है।
बिहार विधानसभा की दो रिक्त सीटों पर उप चुनाव के लिए शुक्रवार को यानी आज अधिसूचना जारी हो गई है। इसी के साथ चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। गोपालगंज और मोकामा सीटों के लिए उप चुनाव को लेकर संबंधित जिलों में चुनाव आयोग की ओर से तैयारी की गई है।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक 3 नवंबर को बिहार की इन दो सीटों पर मतदान होगा। 6 नवंबर को मतगणना होगी। बिहार की मोकामा सीट पर राजद जबकि गोपालगंज सीट पर बीजेपी का कब्जा था। बाहुबली अनंत सिंह को सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी तो वहीं गोपालगंज के विधायक सुभाष सिंह के निधन से ये सीट खाली हुई थी।
जानकारी के अनुसार, चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र भी आज से दाखिल कर सकते हैं। गोपालगंज और मोकामा सीटों के लिए उप चुनाव के लिए प्रत्याशी 14 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 15 अक्टूबर को स्क्रूटनी की तिथि निर्धारित की गई है। 17 अक्टूबर तक प्रत्याशी नाम वापस ले सकेंगे। तीन नवंबर को दोनों सीटों पर मतदान होना है। वहीं, छह नवंबर को मतगणना होगी।
प्रत्याशी 17 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। तीन नवंबर को दोनों सीटों पर मतदान होना है। वहीं, छह नवंबर को मतगणना होगी। इनमें से एक सीट 2020 के चुनाव में भाजपा के हाथ लगी थी, जबकि दूसरी सीट राजद के कब्जे में रही थी। दोनों दलों के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती रहेगी।
इन दोनों सीटों पर परिवारवाद का बोलबाला कायम रहने की संभावना जताई जा रही है। राजद और भाजपा के कब्जे वाली इन दो सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। राजद और भाजपा दोनों सीटों पर अपने पुराने विजयी विधायकों की पत्नियों को टिकट देकर सहानुभूति वोटों को अपने पाले में करने का दांव खेल सकती है।
राजद मोकामा सीट पर अनंत सिंह की पत्नी नीलम सिंह को, तो भाजपा गोपालगंज सीट पर सुबाष सिंह की पत्नी को टिकट दे सकती है। हांलाकि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। टिकट की चाह में कई नेता विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं की परिक्रमा में लगे हुए हैं। वैसे, बीजेपी खेमे के कुछ वरिष्ठ नेताओं की पत्नी भी चुनावी मैदान में उतर सकती हैं। इसके भी कयास हैं।