मई,19,2024
spot_img

शरद पूर्णिमा रविवार को…मिथिला का कोजागरा…इस साल खास संयोग, करें बस एक उपाय…घर में होगी अमृतवर्षा

spot_img
spot_img
spot_img

शरद पूर्णिमा पर इस साल खास संयोग बन रहा है। इस दिन वर्धमान के साथ ध्रुव योग का शुभ संयोग बन रहा है। इसके साथ ही उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र भी बन रहा है। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर को है। कहा जाता है कि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास होता है। कहा जाता है कि इस दिन आकाश से अमृत वर्षा होती है।

जानकारी के अनुसार,चन्द्रमा के पूर्ण यौवन व भगवान श्रीकृष्ण के पावन रासलीला का पर्व शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने महारास किया था। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। शरद पूर्णिमा की रात का अपना विशेष धार्मिक महत्व है। इस रात भगवान चंद्रमा, माता लक्ष्मी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है। इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं।

यह भी पढ़ें:  Madhubani Lok Sabha Election| Jaley से Singhwara....Silent Mode में

अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी। पूर्णिमा तिथि अगले दिन सोमवार, 10 अक्टूबर को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। शरद पूर्णिमा के दिन मध्य रात्रि में पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।

शरद पूर्णिमा के संबंध में जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य पं.सदानंद झा का कहना है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी, चंद्र देव के साथ भगवान विष्णु, कुबेर जी, भगवान कृष्ण की पूजा करने से इच्छा पूर्ण हो जाती है। शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कुबेर की भी विधिवत पूजा करके मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि, धन संपदा की प्राप्ति होती है।

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रखने के बाद सुबह उठकर उक्त खीर का सेवन करने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। इस खीर को चर्म रोग से परेशान लोगों के लिए भी अच्छा बताया जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अमृत की वर्षा करता है, इस कारण से रात्रि में खीर आदि बनाकर चन्द्रमा की शीतलता में रखा जाता है और सुबह उसे खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।

यह भी पढ़ें:  Madhubani Lok Sabha Election अंतिम ओवर में....| किले में "चौका"...या चौंकाएगा मधुबनी...अंतिम ओवर में

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 अक्टूबर को सुबह 03 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी। ये तिथि अगले दिन 10 अक्टूबर 2022 को सुबह 02 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी। इस साल शरद पूर्णिमा 09 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:40 ए एम से 05:29 ए एम।
अभिजित मुहूर्त- 11:45 ए एम से 12:31 पी एम।
विजय मुहूर्त- 02:05 पी एम से 02:51 पी एम।
गोधूलि मुहूर्त- 05:46 पी एम से 06:10 पी एम।
अमृत काल- 11:42 ए एम से 01:15 पी एम।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 06:18 ए एम से 04:21 पी एम

यह भी पढ़ें:  Madhubani Lok Sabha Election अंतिम ओवर में....| किले में "चौका"...या चौंकाएगा मधुबनी...अंतिम ओवर में

रात्रि में मां लक्ष्मी की षोडशोपचार विधि से पूजा करके ‘श्रीसूक्त’ का पाठ, ‘कनकधारा स्तोत्र’, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अथवा भगवान् कृष्ण का ‘मधुराष्टकं’ का पाठ ईष्टकार्यों की सिद्धि दिलाता है। पूजा में मिष्ठान, मेवे और खीर का भोग लगाएं।

इस साल शरद पूर्णिमा पर कई शुभ योग बनने से इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। ध्रुव योग शाम 06 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 31 मिनट से शाम 04 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अपने ईष्टदेव की अराधना करें। पूजा के दौरान भगवान को गंध, अक्षत, तांबूल, दीप, पुष्प, धूप, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें। रात्रि के समय गाय के दूध से खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं। रात को खीर से भरा बर्तन चांद की रोशनी में रखकर उसे दूसरे दिन ग्रहण करें। यह खीर प्रसाद के रूप में सभी को वितरित करें।

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया deshajtech2020@gmail.com पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -
error: कॉपी नहीं, शेयर करें