राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गत दिनों बौद्ध महासभा के कार्यक्रम में भगवान राम और कृष्ण को न मानने की शपथ के मामले में विवादों में घिरे आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
बीते दिनों उन्हें एक कार्यक्रम में भाग लेते देखा गया था, जहां लोगों ने हिंदू-देवताओं का बहिष्कार करने की शपथ ली थी। इसको लेकर भाजपा ‘आप’ सरकार पर हमलावर थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह समाज के हक की लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे। वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और नहीं चाहते कि उनकी वजह से पार्टी पर कोई आंच आए।
दिल्ली में गत 5 अक्टूबर को बौद्ध महासभा के कार्यक्रम में दीक्षा लेने के लिए 10,000 से अधिक लोग जमा हुए थे। उस कार्यक्रम में मंत्री गौतम भी शामिल हुए थे। उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था।जिसमें मंत्री और अन्य लोग शपथ लेते नजर आते हैं, ‘मुझे ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर में कोई विश्वास नहीं होगा, न ही मैं उनकी पूजा करूंगा। मुझे राम और कृष्ण में भी विश्वासन नहीं होगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा।’
राजेंद्र पाल गौतम ने अपने इस्तीफे के साथ एक चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद से मनुवादी मानसिकता के लोग मुझे और मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। मैं अपने समाज के हक की लड़ाई आगे भी लड़ता रहूंगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से पार्टी पर कोई आंच आए।मंत्री गौतम ने बौद्ध महासभा के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद एक ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी थी।इसमें उन्होंने लिखा था, ‘आइए मिशन को बुद्ध की ओर बुलाएं, जय भीम। आज अशोक विजयादशमी पर मिशन जय भीम के तत्वावधान में 10,000 से अधिक बुद्धिजीवियों ने एक जाति और अछूत मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया।’उनके इस ट्वीट के बाद से ही भाजपा उन पर हमलावर हो रही थी और उनसे इस्तीफे की मांग कर रही है।
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘आज महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकटोत्सव दिवस है एवं दूसरी ओर मान्यवर कांशीराम साहेब की पुण्यतिथि भी है। ऐसे संयोग में आज मैं कई बंधनों से मुक्त हुआ और आज मेरा नया जन्म हुआ है। अब मैं और अधिक मजबूती से समाज पर होने वाले अत्याचारों व अधिकारों की लड़ाई को बिना किसी बंधन के जारी रखूंगा।’