समाजवादी राजनीति के सबसे बड़े स्तंभ और तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव पंचतत्व में विलीन हो गए। सैफई में नेताजी चिरकाल के लिए सो गए। यादव परिवार की कोठी से करीब 500 मीटर दूर मेला ग्राउंड पर उनके पुत्र और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी।
इससे पहले सैफई में धरतीपुत्र मुलायम को श्रद्धाजंलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। एक लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए। सभी अंतिम दर्शन के लिए उतावले थे। एक-दूसरे को धकेलकर आगे बढ़ रहे थे। उतावले लोग पंडाल में लगे खंभे पर चढ़ गए। वहीं से फोटो खींचते रहे।वीडियो बनाते रहे। भीड़ बढ़ने से मची अफरा-तफरी और उमस से पंडाल में तीन-चार लोग बेहोश हो गए। आनन-फानन उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।
इससे पूर्व राष्ट्रीय सम्मान के साथ तिरंगे में लाए गए उनके पार्थिव शरीर को मंत्रोच्चार के बीच वैदिक रीति से स्नान कराया गया। चंदन की चिता पर सोय लोहिया के शिष्य मुलायम के अंतिम दर्शन के लिए डेढ़ लाख से ज्यादा लोग सैफई पहुंचे।पूरे राजकीय सम्मान के साथ सैफई में अंतिम संस्कार किया गया। देशभर से पहुंचे राजनेताओं ने उनको नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। सपा सांसद जया बच्चन अपने बेटे अभिषेक बच्चन के साथ नेताजी को श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं। नेताजी के पार्थिव शरीर सोमवार शाम इटावा जिला स्थित उनके पैतृक गांव सैफई में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। सैफई में ‘नेताजी अमर रहे’ के नारे गूंज रहे थे। मुलायम सिंह के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मुलायम सिंह यादव का सोमवार की सुबह 82 वर्ष की आयु में हरियाणा के गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था।
उन्हें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, उप्र सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद, असीम अरुण, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर राव, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू आदि ने सैफई के लाल को अंतिम विदा दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव से हमारे बहुत अच्छे रिश्ते थे। उनको धरती से जुड़ा हुआ नेता माना जाता था। उनके जाने से भारत की राजनीति को बहुत बड़ी क्षति हुई है। वहीं,कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और पार्टी के अन्य नेता मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैफई पहुंचे।
पुलिस ने भारी सुरक्षा घेरा तैयार किया था मगर भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोगों को संभाल पाना मुश्किल हो गया। मंच के सामने जो डी तैयार किया था, उसमें भी लोग घुस आए। उधर, सैफई आने वाले सारे मार्ग पूरी तरह चोक हो गए थे। सुबह 10 बजे तक 1 किलोमीटर दूर से ही कारों को रोका जा रहा था मगर बाद में यह दायरा 3 किलोमीटर तक पहुंच गया।
श्रद्धाजंलि देने के लिए मंच तक न पहुंच पाने वाले लोगों के सब्र का बांध टूट गया और बैरिकेडिंग के नीचे और ऊपर से निकलकर मंच की तरफ बढ़ने लगे। यह देख कमिश्नर डॉ. राजशेखर के आग्रह पर प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने माइक संभालकर लोगों से मार्मिक अपील की, लेकिन भीड़ अपने नेता के पास पहुंचने के लिए थम ही नहीं रही थी। सैफई में बारिश के बीच नेताजी के चाहने वालों के चेहरों पर दुख साफ झलक रहा था।