

आखिरकार बिहार सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त दो आईपीएस को निलंबित कर दिया। इस कारण पूरे पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। इस बाबत गृह विभाग ने पत्र जारी कर दिया हैं।
पूर्णियां के एसपी दयाशंकर पर आय से अधिक उपार्जन करने का आरोप था। शिकायत प्रमाणित होने के बाद स्पेशल निगरानी यूनिट की टीम ने एक साथ सात ठिकानों पर छापेमारी की तो दो ठिकानों से करीब चार लाख नगदी ,करीब 68लाख से ऊपर की ज्वेलरी एवं करीब एक करोड़ की प्रॉपर्टी की बात सामने आई हैं। इसी मामले में उन्हें निलंबित किया गया हैं।
वहीं दरभंगा में कुछ साल पहले रह चुके आईपीएस आदित्य कुमार की बचकाना हरकत से सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया हैं। यह हरकत उनकी छोटी नहीं बल्कि बड़ी साबित हुई हैं। उनके ऊपर शराब मामले को लेकर आरोप था और उसकी जांच हो रही थी हालांकि सूत्रों का कहना हैं जांच में निर्दोष भी पाएं गये थे लेकिन उन्होंने ऐसी हरकत की कि डीजीपी भी सकते में पर गये।
एसपी आदित्य के एक दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी पर दबाव डालना शरू कर दिया। पद की गरिमा के वजह से डीजीपी ने सर सर कहते हुये हमेशा उसको जवाब देते रहें।
लेकिन जब शक हुआ तो यह मामला आर्थिक अपराध को सौंपा गया। आर्थिक अपराध ने 24घंटे के भीतर इस मामले का पट्टाक्षेप करते हुये पूरे मामले से पर्दा हटा दिया। अभिषेक अग्रवाल एक फ्रॉड निकला जो पूर्व में जेल भी जा चुका हैं। इस कारण सरकार ने एसपी आदित्य को भी निलंबित कर दिया।
विस्तार से पढ़िए-
बिहार के दो आईपीएस अधिकारियों को सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। गृह विभाग ने इससे जुड़ी अधिसूचना भी जारी कर दी है। निलंबित आईपीएस अधिकारियों में आदित्य कुमार और पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के नाम शामिल हैं।
आदित्य कुमार पर बिहार के डीजीपी को फोन कॉल से दबाव डालने के मामले में साजिश रचने का आरोप है। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को निलंबन अवधि में मुख्यालय से अटैच किया गया है। पूर्णिया के एसपी दयाशंकर पर आय से अधिक मामले में एसयूवी की रेड हुई थी। इस दौरान नकदी समेत करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली थी। इस मामले में अब एसपी दयाशंकर के ऊपर गाज गिरी है और सरकार ने उन्हें भी सस्पेंड कर दिया है।
आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को बचाने के लिए पटना हाई कोर्ट के फर्जी मुख्य न्यायाधीश बनकर बिहार के डीजीपी को कॉल कर दबाव बनाने के मामले में ईओयू ने आदित्य के दोस्त अभिषेक अग्रवाल समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एडीजी पुलिस मुख्यालय जेएस गंगवार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी थी।
एडीजी ने कहा था कि इस मामले में आपीएस आदित्य कुमार नामजद आरोपित हैं। उन्होंने मामले की साजिश रची है। मामले की ईओयू जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक चार आरोपित गिरफ्तार किये गये हैं। इनके पास से मोबाइल और सिम कार्ड जब्त किये गये हैं।








