बिहार में बढ़ते अपराध के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉ-एंड-ऑर्डर को लेकर सामान्य प्रशासन और गृह विभाग की समीक्षा की। इस मौके पर रिक्तियों को भरने का निर्देश भी दिया। बैठक में बढ़ते अपराध पर चर्चा की गई। पूरा जोर अपराध नियंत्रण पर ही था। इसमें मुख्य सचिव और डीजीपी ने अपने सुझाव दिए।
जानकारी के अनुसार,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सामान्य प्रशासन और गृह विभाग की समीक्षा के दौरान विभाग के अद्यतन कार्यों की विस्तृत जानकारी ली। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि विभागों में जो भी रिक्तियां हैं उन्हें भरने की प्रक्रिया शुरू करें। साथ ही कहा कि सरकारी भवनों सड़कों, पुल-पुलियों का मेंटेनेंस हर हाल में अवश्य कराएं। मेंटेनेंस का कार्य विभाग द्वारा ही कराएं, इसके लिए जितने और अभियंताओं की एवं कर्मियों की आवश्यकता हो उनकी बहाली कराएं।
नीतीश ने कहा कि जब से काम करने का मौका मिला है राज्य में विकास के कई कार्य किए गए हैं। यहां व्यापार बढ़ा है। राज्य का बजट आकार दो लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। सरकारी भवनों सड़कों, पुल-पुलियों सहित कई आधारभूत संरचना का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेक थाने में कानून-व्यवस्था एवं अनुसंधान दो अलग-अलग विभाग बनाए गए हैं ताकि बेहतर ढंग से कार्यों का निष्पादन हो सके। पुलिसकर्मियों एवं पुलिस पदाधिकारियों के बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
इससे पहले बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने गृह विभाग में किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी दी। उन्होंने बिहार पुलिस के अंतर्गत स्वीकृत तथा कार्यरत बलों की अद्यतन विवरणी दिया। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव बी राजेंद्र ने विभाग के कार्यों की अद्यतन जानकारी दी। साथ ही विभागवार कार्यरत कर्मियों एवं पदाधिकारियों तथा स्वीकृत पदों की जानकारी दी। योजना एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणीश चावला ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से निजी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
वहीं लॉ-एंड-ऑर्डर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर चल रही बैठक में दीवाली और छठ को लेकर भी मंथन किया जा रहा है। इस बैठक में डीजीपी एस के सिंघल, गृह प्रधान चैतन्य प्रसाद, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, सीएम के सचिव के सिद्धार्थ, सीएम के प्रधान सचिव दीपक सहित संबंधित विभाग के पदाधिकारी मौजूद हैं।