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25 नवम्बर, 2024
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बाइक की डिक्की में बेटे का शव लेकर DM के पास पहुंचा बेबस पिता

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मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों और कर्मचारियों का अमानवीय चेहरा सामने आया है जो हर दिल को झकझोर कर देने वाला है। यह तस्वीर सिस्टम पर दाग है। जिला अस्पताल से जांच के लिए एक गर्भवती को क्लीनिक भेजा गया। वहीं, प्रसव के बाद महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया और उसे एंबुलेंस भी नहीं मिली। इससे आहत होकर महिला का पति अपने नवजात बच्चे का शव मोटरसाइकिल की डिक्की में रखकर ले गया। मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) का है।

यहां एक बेबस पिता को जब नवजात बच्चे के शव (Dead Body) को जब एंबुलेंस नहीं मिल पाई तो वह बाइक की डिग्गी में बच्चे का शव लेकर डीएम (DM) के दफ्तर पहुंच गया। इसे देखकर कलेक्टर भी हैरान रह गए। कलेक्टर को बेबस पिता ने अपनी आपबीती सुनाई। इसके बाद कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के आदेश दे दिए हैं।

जानकारी के अनुसार,सिंगरौली में नवजात बच्चे की मौत के बाद एंबुलेंस न मिलने पर बेबस पिता उसके शव को बाइक डिग्गी में रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और कलेक्टर के सामने अपना दर्द बयां किया। कलेक्टर ने पिता की बात सुनकर उसे उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

बताया जाता है कि जन्म से पहले ही बच्चे की गर्भ में मौत हो गई थी इसके बाद जब उन्होंने शव ले जाने के लिए एंबुलेंस या वाहन की मांग की तो जिला अस्पताल के स्टाफ ने कोई भी वाहन न होने की बात कहकर उन्हें वहां से रवाना कर दिया था।

पूरा मामला यह है
दिनेश भारती नाम का युवक अपनी पत्नी मीना भारती की डिलीवरी कराने के लिए सिंगरौली के जिला अस्पताल पहुंचा था। दिनेश का आरोप है कि जिला अस्पताल में पदस्थ स्टाफ की नर्स ने पर्ची काटने के नाम पर मरीज के परिजनों को अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक डॉ. सरिता शाह के निजी क्लीनिक में भेज दिया, जहां चिकित्सक ने मरीज के परिजनों से 200 रुपए की फीस ली और जब पर्ची काटी गई और अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट डॉक्टर ने देखी तो पता चला बच्चे की मौत मां की कोख में हो चुकी है।

बच्चे की मौत हो जाने की बात पता चलते ही डॉक्टर सरिता शाह के निजी क्लीनिक के स्टाफ ने उन्हें 5 हजार रुपए दिए और वापस जिला अस्पताल भेज दिया। जहां दिनेश की पत्नी भारती ने मृत बच्चे को जन्म दिया। मृत बच्चे के शव को लिए माता-पिता अस्पताल में यहां वहां भटकते रहे और शव को घर ले जाने के लिए वाहन दिलाने की गुहार लगाते रहे लेकिन स्टाफ ने एक न सुनी और उल्टे एंबुलेंस न होने की बात कहकर उन्हें वहां से रवाना कर दिया।

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