पटना का बिहटा थाना पिछले छह महीनें से सुर्खियों में है। यह वही थाना है जहां बिहार पुलिस के मुखिया यानी DGP संजीव कुमार सिंघल ने पुलिस वालों के अवैध वसूली के खेल को खुद अपनी आंखों से देखा था। कैसे वहां
बालू से भरे ट्रकों को रोड पर कैसे रोका जाता है? इनके ड्राइवरों से किस प्रकार से अवैध वसूली की जाती है? इस वजह से रोड पर जाम किस कदर लगता है और आम लोग कैसे जाम फंसे रहते हैं? यह सबकुछ…
ताजा मामला भी, बिहटा से सामने आया है जहां के थानेदार थानेदार रंजित कुमार पर कार्रवाई की गाज गिरी है। दरअसल बिहटा थाना के थानेदार रंजीत कुमार पर दलाली करने को लेकर कार्रवाई गई है। वह जमीन कारोबार से जुड़े ठेकेदारों के सबसे बड़े दलाल थे। पटना के SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। वहीं इंस्पेक्टर सन्नौवर खां बिहटा थाना का नया थानेदार बनाया गया है। पढ़िए पूरी खबर
थानेदार रंजित कुमार जमीन की दलाली से जुड़े एक मामले में शामिल थे। शनिवार की रात को इसकी जानकारी पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को मिली। जिसके बाद उन्होंने जांच कार्रवाई जांच में मामला सही पाया गया।
इसके बाद तत्काल कार्रवाई कि और रंजित कुमार को सस्पेंड कर दिया। बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब किसी मामले में र्थानेदर रंजित कुमर का नाम आया हो। इससे पहले भी उनपर कई भर घुस लेने के आरोप सहित वैद बालू के खाना में संलिप्त होने का आरोप भी लग चुका है।
फिलहाल सस्पेंड किए जाने के बाद उनपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि थानेदार की मर्जी से ही जमीन का दलाल वहां आता जाता है। इसके पहले अवैध बालू को लेकर भी बिहटा थानेदार पर कई आरोप लग चुके थे। वहीं निलंबन के बाद आरोपी थानेदार पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
इससे छह माह पहले, बालू माफिया से सांगगांठ में DGP के आदेश पर ASI मिथलेश कुमार सुमन, सिपाही नीरज कुमार मांझी (2852), शांतनू कुमार (4566), अमित कुमार (131) और मुकेश कुमार (621) सस्पेंड हो चुके हैं। इनमें सिर्फ मुकेश कुमार मुंगेर जिला पुलिस का सिपाही है। जबकि, बाकी के पुलिस वाले पटना पुलिस में थे।