मंगलवार का दिन कांग्रेस के लिए बड़ा अमंगल साबित हुआ। इसके दो विधायकों पर शामत आ गई। एक विधायक हैं अररिया के अबिदुर रहमान और दूसरी कांग्रेस की महिला विधायक ममता देवी जो झारखंड से हैं। इन दोनों पर आज सियासी गरम हो गया है।
दरअसल हुआ यूं कि आज से बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है। इस दौरान जैसे ही मंगलवार को सदन में राष्ट्रगान शुरू हुआ सबकी नजर कांग्रेस विधायक रहमान पर पड़ गई जो कुर्सी से नहीं उठे। वहीं बैठे रहे। इस पर भाजपा ने आपत्ति जताई है। बीजेपी ने राष्ट्रगान के दौरान खड़ा नहीं होने को मुद्दा बना लिया है। हालांकि रहमान ने कहा कि उनके पैर में दर्द है। मगर बीजेपी कहां मानने वाली।
इधर,झारखंड कके हजारीबाग की कोर्ट ने हिंसा के एक मामले में कांग्रेस की महिला विधायक ममता देवी को पांच साल की सजा सुनाई है। रामगढ़ के इनलैंड पावर गोलकांड मामले में हजारीबाग की सांसद और विधायक कोर्ट ने बीते 8 दिसंबर को कांग्रेस विधायक ममता देवी समेत 13 लोगों को दोषी करार दिया था। इसके बाद सभी को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेपी केंद्रीय कारा भेज दिया गया था। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 55 वर्षीय रहमान दिवंगत सदस्य के सम्मान में दो मिनट का मौन रखे जाने के दौरान खड़े नजर आए। बाद में बीजेपी के विधायक नीरज सिंह बबलू ने कहा कि यदि रहमान पैर में दर्द की वजह से राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े नहीं हुए, तो बाद में उनका दर्द कैसे गायब हो गया?
उन्होंने कहा कि रहमान दिवंगत सदस्य के सम्मान में रखे गए मौन के दौरान खड़े थे जिसमें राष्ट्रगान में लगने वाले समय से अधिक समय लगा, इसलिए ऐसा लगता है कि उन्होंने जानबूझकर राष्ट्रगान का अपमान किया। इन पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
वहीं, एमपी एमएलए कोर्ट के इस फैसले से रामगढ़ की कांग्रेस विधायक ममता देवी को बड़ा झटका लगा है। पांच साल की सजा होने के बाद विधानसभा से उनकी सदस्यता जाना लगभग तय माना जा रहा है। प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल से अधिक की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद करने की कार्रवाई की जाती है। हालांकि नीचली अदालत के इस फैसले को कांग्रेस विधायक हाई कोर्ट में चुनौती देंगी।