प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को अस्पताल के नया एंबुलेंस से डीएमसीएच रेफर किया गया। मरीज को एबुलेंस में रखा गया। यहां भी एंबुलेंस कर्मी की लापरवाही के कारण हृदयघात से पीड़ित मरीज को एंबुलेंस में आधा घंटा से अधिक रोककर रखा गया। बताया गया कि एंबुलेंस में रहे दोनों ऑक्सीजन गैस सिलेंडर खाली है। ऑक्सीजन नहीं रहने के कारण मरीज की मौत हाथ पांव पटक कर हो गई।
उन्होंने बताया है कि हॉस्पिटल की कुव्यवस्था और एक बड़ी लापरवाही को लेकर इस घटना पर प्राथमिकी भी दर्ज करने की मांग की है। वही, जाले के सामाजिक कार्यकर्त्ता धीरेंद्र कपूर, अभय कुमार झा, रामसागर चौधरी, शशि मिश्रा ,मनोज कुमार साह, गोलू कुमार,रौशन कुमार सिंह, राहुल कुमार सिंह, मोनू कुमार सिंह आदि ने आज रेफरल अस्पताल में हुई घटना की निंदा करते हुए रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विवेकानंद झा को अस्पताल के प्रशासनिक व्यवस्था में लाचार बताते हुए कहा कि अस्पताल प्रभारी बीमार व रोगियों को सही से इलाज नहीं करने करने तथा अस्पताल व्यवस्था को सुधारने के बदले ऑन ड्यूटी प्राइवेट क्लिनिक चलाते हैं।
ऐसे में, अस्पताल की यह व्यवस्था कैसे सुधरेगा। वर्तमान में सरकारी व गैर सरकारी पद पर विराजमान लोग इस हॉस्पिटल को लूट खसोट का अड्डा बना लिया है। वर्तमान में हुई बड़ी लापरवाही को लेकर दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।