समस्तीपुर रेल मंडल में स्टीम इंजन के स्क्रैप चोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। हालांकि यह मामला कोई नया नहीं है। आज से करीब दो साल पूर्व 23 दिसंबर 21 में भी आरपीएफ ने स्लीपर चोरी के मामले का खुलासा किया था। उसी दौरान यह आशंका जताई गई थी कि इस मामले में रेलवे के कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं।
यह अब सच होता साबित हो रहा है। दरअसल,अब दो किलोमीटर रेल पटरी की चोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है जहां समस्तीपुर में बिना टेंडर बेचे पटरी के स्क्रैप मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ के दो अधिकारियों को ही सस्पेंड कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, जब्त स्लीपर से पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर व समस्तीपुर मंडल के अधिकारियों में उस वक्त भी हड़कंप मच गया था। तत्कालीन डीआरएम आलोक अग्रवाल ने जांच के लिए टीम गठित की थी। मंडल के नरकटियागंज रेल क्षेत्र अंतर्गत भेलाही स्टेशन पर रेल अधिकारियों की मिलीभगत से नीलामी की आड़ में निर्धारित वजन से अधिक रेल कबाड़ की चोरी की घटना सामने आई थी।
आरपीएफ ने रक्सौल में ही घेराबंदी करते हुए समस्तीपुर शहर के नगर थाना क्षेत्र के घोषलेन निवासी स्क्रैप ठेकेदार सह माल मालिक बद्री गोयनका को दो ट्रक ड्राइवर के साथ गिरफ्तार किया था। साथ ही दो ट्रक माल भी बरामद किया था। रेल मंडल मुख्यालय में इस बात को लेकर हड़कंप था कि रेल कबाड़ नीलामी की आड़ में होने वाली रेल संपत्ति की चोरी की यह पहली सबसे बड़ी घटना बताई जा रही थी। मगर पढ़िए आज क्या हुआ…
समस्तीपुर रेल मंडल में एक और बड़ा स्क्रैप घोटाला सामने आया जहां बिना टेंडर के करोड़ों का रेलवे स्क्रैप बेचे जा रहे हैं। शुक्रवार देर रात तक मंडल सुरक्षा आयुक्त एसजेएस जाने के नेतृत्व में आरपीएफ के अलावा आरपीएफ की विजिलेंस टीम एसआईवी और सीआईबी की टीम मामले को लेकर मंथन कर रही है। इस मंथन मीटिंग के बाद इस मामले को लेकर मंडल सुरक्षा आयुक्त ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।
आरपीएफ के पुलिस पदाधिकारी की मिलीभगत से घोटाला हो रहा है। मामला सामने आने के बाद समस्तीपुर रेल मंडल के सुरक्षा आयुक्त ने दो कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसमें रेलवे मंडल के झंझारपुर आरपीएफ आउटपोस्ट के प्रभारी श्रीनिवास के अलावा मधुबनी के जमादार मुकेश कुमार सिंह शामिल हैं।
पिछले साल समस्तीपुर रेल मंडल के पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर रेल इंजन का स्क्रैप बेचे जाने का मामला खुलासा हुआ था। इस मामले में आरपीएफ के दरोगा वीरेंद्र दुबे समेत आठ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी वीरेंद्र दुबे को सेवा से बर्खास्त भी किया जा चुका है। जबकि इस मामले में सीनियर सेक्शन इंजीनियर आरआर झा के अलावा कर्मी सुशील कुमार पर तलवार लटकी हुई है।
समस्तीपुर रेल मंडल के पंडौल स्टेशन से लोहट चीनी मिल के लिए रेलवे लाइन बिछाई गई थी। चीनी मिल लंबे समय से बंद होने के बाद इस लाइन को बंद कर दिया गया। बताया गया कि रेलवे लाइन का स्क्रैप बिना ऑक्शन किए आरपीएफ की मिलीभगत से स्क्रैप कारोबारी के हाथों बेचा जा रहा था।
इसमें कुछ माल पकड़ा भी गया, जिसको लेकर दरभंगा आरपीएफ पोस्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरपीएफ सूत्रों का कहना है कि बेचे जा रहे हैं इस स्क्रैप में दोनों आरपीएफ पुलिस पदाधिकारी का हाथ था। दोनों पुलिस पदाधिकारी के कारण ही स्क्रैप कारोबारियों के हाथों अवैध तरीके से बेचा जा रहा था।
लोहट चीनी मिल को लेकर पंडौल स्टेशन से गई रेलवे लाइन का स्क्रैप गलत तरीके से गायब करने का मामला 24 जनवरी को सामने आया। जिस पर यह कार्रवाई की गई है। साथ ही इस मामले में विभागीय स्तर पर जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जा रही है। अगर जांच में दोनों पुलिस पदाधिकारी पर मामला सच पाया गया तो दोनों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।