मॉब लिंचिंग का नया मामला छपरा से सामने आया है। बीते 3 फरवरी को सारण जिले में तीन युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए थे। उस दिन के बाद से शहर की स्थिति तनावपूर्ण हो गई। अब वहां धारा 144 लागू है।
जानकारी के अनुसार, छपरा में तीन युवकों को कुछ लोगों की ओर से बांधकर पिटाई करने से एक मौत हो गयी है। वहीं अन्य दो गंभीर रूप से घायल हैं। जानकारी मिलने के बाद गुस्साएं लोगों ने जमकर बवाल काटा।
जानकारी के अनुसार,छपरा के मुबारकपुर में पिटाई से युवक की मौत के बाद आक्रोशित भीड़ ने आरोपित के घर को आग के हवाले कर दिया। यहां तक कि उसके पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी गई। दरअसल इस इलाक़े के मुखिया पर 3 युवकों की बेरहमी से पिटाई का आरोप है।
इसमें से एक युवक की मौत हो गई। तीन लोगों की एक मुर्गी फार्म में बंद कर बेरहमी से पिटाई की गई। मुखिया के एक प्रतिनिधि ने अपने ऊपर फ़ायरिंग का आरोप लगाकर इन तीनों को बंधक बना लिया और फिर उन्हें पीटा गया।
लोगों ने मेन रोड पर तोड़फोड़ करने के साथ आगजनी की। इलाके में बढ़ते तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लगा दिया गया है। पुलिस मुख्यालय ने सोमवार को बताया कि सारण के मांझी थाना में वर्तमान स्थिति को देखते हुए विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
इसका उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए वीडियोग्राफर भी रखा गया है। वहां गड़बड़ी फैलाने वालों का वीडियो बनाया जाएगा। इसके साथ ही, सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले के बाहर से भी अतिरिक्त सुरक्षा बल मंगाया गया है।
दरअसल, छपरा में रविवार को छपरा के मुबारकपुर में मुखिया पति और उनके समर्थकों ने तीन युवकों की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। जिसमें से एक युवक अमितेश की मौत हो गई थी। बाकी दोनों युवक पीएमसीएच में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इस घटना के बाद गांव में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पढ़िए पूरी खबर
मॉब लिंचिंग का शिकार बने युवक भी मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव निवासी ही हैं। जिनमें मृतक की पहचान जयप्रकाश सिंह के पुत्र अमितेश कुमार सिंह एवं उदय नारायण सिंह के 25 वर्षीय पुत्र आलोक कुमार सिंह उर्फ विक्की है के रूप में की गई है। वही जिंदगी और मौत से जूझ रहे युवक की पहचान संजय सिंह के 22 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार सिंह के रूप में हुई है। इन तीनों का कोई आपराधिक इतिहास ज्ञात नहीं है।
बता दें कि मांझी थाना क्षेत्र के मुबारक गांव निवासी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के द्वारा यह बात फैलाई गई कि उनके ऊपर मॉब लिंचिंग के शिकार तीनों युवक हत्या की नीयत से फायरिंग कर रहे थे और उनके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तीनों को पकड़कर अपने मुर्गी फार्म बंद किया गया था। जहां तीनों युवक मॉब लिंचिंग का शिकार हुए। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह है कि जिस जगह पर मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव का दावा कर रहे हैं, वहां से एक भी हथियार बरामद नहीं की गई है। जिस कारण मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव संदेह के दायरे में हैं।
बीते दिन शनिवार को इस घटना में आरोपियों के गरफ्तार ना होने पर मामला बढ़ता गया। आक्रोशित लोगों ने आरोपियों के घर में आग लगा दिया। वही उनकी मांग है कि अगर 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा।
हालांकि युवक की मौत से नाराज घर वालों ने जमकर तोड़फोड़ की और आरोपी के घरों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। लोगों ने इस मामले में आरोपी मुखिया सहित उसके आस पास के घरों में भी आग लगा दी गई। इसी स्थिति को देखते हुए छपरा में धारा 144 लागू कर दिया गया है।
युवक की मौत से नाराज घर वालों ने जमकर तोड़फोड़ की और आरोपी के घरों को आग के हवाले कर दिया। जिसके बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। लोगों ने इस मामले में आरोपी मुखिया सहित उसके आस पास के घरों में भी आग लगा दी गई। जिसके बाद गांव के सभी पुरुष घर छोड़कर फरार हो चुके हैं। इसके बाद अब इस मामले में मौके की नजाकत को देखते हुए फिलहाल वहां धारा 144 लगाई गई है।
बताया जा रहा है कि,सारण एसपी गौरव मंगला भी घटना के बाद मुबारकपुर गांव में काफी देर तक डेरा डाले हुए थे। इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तेजी से छापेमारी कर रही है। मुखिया पति विजय यादव और उसके समर्थकों पर अमितेश की लिंचिंग कर हत्या का आरोप है। इस मामले में मृतक के पिता के बयान पर मांझी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दर्ज प्राथमिकी में पांच नामजद और 50 अज्ञात को आरोपित किया गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, मुखिया पति विजय यादव द्वारा एक साजिश के तहत सिधरिया टोला स्थित अपने मुर्गा फार्म पर बुलाकर तीन युवकों की बेरहमी से पिटाई कराई गई ,जिसमें अमितेश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई।
बढ़ते विवाद को लेकर सारण एसपी गौरव मंगला भी मुबारकपुर गांव में काफी देर तक डेरा डाले हुए थे। इस मामले में एक आरोपी की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस तेजी से छापेमारी कर रही है। इलाके की स्थिति तनावपूर्ण ना हो इसको लेकर धारा 144 लागू है।
जानकारी के अनुसार, इस घटना के दो-तीन दिन पूर्व 2 फरवरी को एक मुखिया पति विजयी यादव पर फायरिंग हुआ थी। जिसके बाद मुखिया पति और उनके समर्थकों ने तीन युवकों की बांधकर बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। जिसमें से एक युवक की मौत हो गई। इसके जवाब में मृतक के परिजनों ने आरोपी मुखिया के घर बदले की कार्रवाई में आग लगा दी। फिलहाल इस घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। पुलिस गांव में कैंप किए हुए है।