नालंदा में विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष की सफाई के दौरान गुंबज मिली। दरअसल, नालंदा आने वाले मेहमानों के स्वागत की तैयारी के लिए विश्व धरोहर नालंदा खंडहर को आकर्षक रूप देने के लिए प्रशासन जुटा है। प्रवेश द्वार के पास सराय किले के सामने साफ-सफाई व उत्खनन के दौरान स्तूप का ऊपरी भाग निकला।
यह आकृति अब तक मिले स्तूपों से बिल्कुल अलग है। इस दौरान एक आकृति निकली, जिसके चारों ओर भगवान बुद्ध की बहुत सारी मूर्तियां मिली। वहीं, तालाब की खुदाई के दौरान सैकड़ों साल पुराना बेशकीमती काली पत्थर की मूर्ति निकली है। मामला सारिलचक गांव के तारसिंह पोखर की है।
जानकारी के अनुसार, नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को G20 में शामिल होने के बाद खंडहर के आसपास इलाके की साफ-सफाई कर अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। सफाई के दौरान यहां गुंबज मिले हैं।
दरअसल,बिहार में जी 20 सम्मेलन की तैयारियां चल रही है। सूबे के आठ ऐतिहासिक स्थल इन दिनों जगमग हो उठे हैं। G-20 सम्मेलन से पहले तमाम ऐतिहासिक स्थलों को सजाया-संवारा जा रहा है। पढ़िए पूरी खबर
पुरातत्व विभाग ऐतिहासिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटा है। बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी ऐतिहासिक विरासतों को दीदार करने पहुंचेंगे। सम्मेलन को लेकर केंद्र के स्तर पर तैयारियां की जा रही है। बड़ी संख्या में विदेशी प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचेंगे। विदेशी प्रतिनिधियों के मेहमान नवाजी के लिए सरकार सभी तैयारियां कर रही है।
नालंदा थाना क्षेत्र के सारिलचक गांव के तारसिंह पोखर की खुदाई में काली पत्थर की प्राचीन मूर्ति मिली। इसकी सूचना ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई करते हुए मूर्ति को बरामद कर सुरक्षित थाने ले आई।
इस संबंध में पुरातत्व सहायक अधीक्षण शंकर शर्मा ने कहा कि खुदाई का काम चलता रहता है। अभी कुछ बताया नहीं जा सकता है, उत्खनन के बाद ही जांच कर कुछ बता पाएंगे।




