सीतामढ़ी में पुलिस टीम पर लोगों ने हमला कर दिया। इसमें डीएसपी समेत तीन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मामला इंडो-नेपाल बॉर्डर के पास परिहार थाना इलाके के धरहरवा गांव की है। ग्रामीणों का कहना है कि शुक्रवार मध्य रात्रि दो पक्षों के बीच लाउडस्पीकर बचाने को लेकर विवाद हुआ। मामला देखते ही देखते खून खेल में बदल गया। दोनों ओर से जमकर लाठी-डंडे चले। इसमें 6 लोग घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार, परिहार थाना क्षेत्र के धरहरवा गांव में लाउडस्पीकर बजाने के विवाद में दो पक्ष भिड़ गए। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव में पहुंची। हालांकि, मामला शांत होने की जगह और बढ़ गया। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर भी पथराव कर दिया।
पथराव में सदर एसडीओ राकेश कुमार, सहायक अवर निरीक्षक दयाशंकर समेत पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। अस्पताल में उनका इलाज कराया गया। परिहार सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ.आरपी शाही ने बताया कि सदर एसडीओ राकेश कुमार समेत पांच जख्मी पुलिसकर्मियों का इलाज किया गया है।
बताया जाता है कि एक पक्ष की ओर से कार्यक्रम में लाउडस्पीकर बजाया जा रहा था। दूसरे पक्ष के लोगों ने पुलिस के सहयोग से इसे बंद करा दिया। बाद में जब दूसरे पक्ष के लोग अपना लाउडस्पीकर बजा रहे थे, तब पहले पक्ष के लोग वहां पहुंचकर लाउडस्पीकर बंद कराने लगे। इसी को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया और आपस में भिड़ गए।
पुलिस ने लोगों से समझाने की कोशिश की। इसी दौरान एक पक्ष ने लोग पुलिस पर पथराव करने लगे। इसमें DSP सुबोध कुमार, ASI दयाशंकर साह समेत 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिसकर्मियों ने घायल को अस्पताल में भर्ती करवाया। इसके बाद SP हरकिशोर राय के नेतृत्व में फिर से वहां पुलिस टीम भेजी गई। तब जाकर हालत काबू में आए।
विवाद के बाद पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। मुख्यालय से भारी संख्या में पुलिस बल को गांव में भेजा गया है। फिलहाल स्थिति पर काबू पा लिया गया है। इस संबंध में एसडीपीओ सदर सुबोध कुमार ने बताया कि दो पक्षों में कोई विवाद नहीं था, पुलिस के साथ विवाद था। कोई पुलिसकर्मी चोटिल नहीं है। वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात है।
हालांकि, लोगों का पुलिस से किस प्रकार का विवाद था, इस संबंध में पूछे जाने पर एसडीपीओ ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इस संबंध में एसडीओ सदर राकेश कुमार व एसपी हर किशोर राय का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया गया, लेकिन दोनों पदाधिकारियों ने फोन का जवाब नहीं दिया। बताया जा रहा है कि गांव में स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।



