मनोरंजन ठाकुर, दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सन 1875 में तिरहुत से अलग दरभंगा जब जिला बना। प्राचीन संस्कृति, संस्कृत और बौद्धिक परंपरा को समेटे उसी से विख्यात मिथिला संस्कृति का केंद्र यह जिला आम, मखाना, मछली और मिथिला चित्रकला के लिए भी प्रसिद्धता के साथ खिल उठा।
तीन अनुमंडलों के बीच 18 प्रखंडों-अंचलों में बंटा यह इलाका आज बहुत कुछ नयापन के साथ सामने आ रहा है। न्यू दरभंगा बनाने की कवायद (Preparation is on to make our new Darbhanga) हो चुकी है। हमारी तैयारी पहलगामी पर है।
इस खबर को समझने के लिए पहले हम आपको सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के पास ले चलेंगे…फिर हम आपको वहां लेकर चलेंगे जहां न्यू दरभंगा सामुच्य आकार लेने जा रहा है। हम लेकर चलेंगे आपको वहां..कहां…वहीं…जहां है तैयारी हमारी न्यू दरभंगा बनाने की…वहां जुटेंगे, पहुंचेंगे मोतिहारी, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, सहरसा के साथ नेपाल के लोग…क्यों और कैसे…पढ़िए पूरी खबर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था,शोभन बाइपास पर एम्स निर्माण होने से दरभंगा शहर का विस्तार होगा। वहां नए इलाके विकसित होंगे। एम्स के लिए जिस जमीन को चिह्नित किया गया है, वहां आने-जाने के लिए निर्माण होगा।
सभी चीजों का ख्याल रखते ही शोभन बाइपास पर जमीन चिह्नित किया गया है। अगर किसी को कुछ समझना है, तो हमारे साथ वहां चल सकता है। जी हां, सीएम नीतीश कुमार ने जो कहा वह सोलह आने सच है।
क्यों-कैसे न्यू दरभंगा आकार लेगा। हम आपको ले चलते हैं, वहां..कहां…वहीं…शोभन-एकमी बाइपास जहां न्यू दरभंगा के सपने आकार लेंगे, विस्तार लेंगे और दरभंगा ही नहीं, मोतिहारी, मधुबनी सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, सहरसा के लोगों का स्वास्थ्य केंद्र यहां नहीं बनने वाला है। नेपाल से भी लोग यहां स्वास्थ्य जांच के लिए आएंगें।
स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव की भी पहले सुनिए, कहा था…पहले से चिह्नित जमीन में जल जमाव और ट्रैफिक जाम की समस्या, आरओबी और एलिवेटेड रोड की आवश्यकता सहित अन्य कठिनाइयों के मद्देनजर शोभन बाइपास पर जमीन चिह्नित की गयी है।
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने क्या कहा था, केंद्र सरकार ने जब दूसरा एम्स का प्रस्ताव मांगा, तो मुख्यमंत्री ने ही दरभंगा का नाम सुझाया था। सरकार के समक्ष कई शहरों के नाम थे लेकिन मुख्यमंत्री ने दरभंगा को प्राथमिकता दी. जिस जमीन का चयन किया गया है, वहां मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, झंझारपुर व नेपाल से आने-जाने में सुविधा होगी।
शोभन-एकमी बाइपास बस यहीं इसी के किनारे बनने वाले एम्स तक आने में मिथिला के आधा दर्जन से अधिक जिलों और नेपाल के लोगों को बड़ी आसानी होने वाली है।
दरभंगा-मुजफ्फरपुर एनएच, दरभंगा-समस्तीपुर-मुसरीघरारी एसएच, मब्बी-कमतौल-साहरघाट एसएच सहित सीतामढ़ी से शोभन तक बनने वाली प्रस्तावित सड़क से लोग सीधे एम्स तक एक से डेढ़ घंटे में पहुंच सकेंगे।
सबसे खास यह रहेगा कि इन्हें कहीं भी बाजार के भीड़भाड़ का सामना नहीं करना पड़ेगा। पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर और सीतामढ़ी से लोग मात्र साठ किमी दूरी तय कर एम्स पहुंच जाएंगे।
मुजफ्फरपुर से आने वाले लोग एक घंटे से भी कम समय में पचास किलोमीटर की दूरी तय कर एवं समस्तीपुर से 42 किमी दूरी तय कर एम्स पहुंचेंगे। सहरसा से आने वाले लोग दो घंटे से कम समय लगाकर 85 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचेंगे।
बेगूसराय से आने वाले लोग 110 किमी एवं मोतिहारी से आने वाले लोग 140 किमी की दूरी ढाई से तीन घंटे में आसानी से तय कर एम्स पहुंच सकेंगे।
दरभंगा-मुजफ्फरपुर उच्च पथ पर शोभन चौक के पास शोभन-एकमी बाइपास पर एम्स की मंजूरी से न्यू दरभंगा का सपना साकार हो जाएगा। छह प्रखंड एवं छह जिला सहित नेपाल से पहुंचना आसान होगा।
एम्स पहुंचने के लिए लोगों को शहर के जाम एवं किचकिच का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां तक, दरभंगा शहर के लोगों को भी एम्स तक पहुंचने में सहूलियत होगी। लहेरियासराय टावर से लेकर डीएमसीएच के आसपास तक के लोग शोभन-एकमी बाइपास से मात्र दस किलोमीटर दूरी तय कर एम्स पहुंच सकेंगे।
दोनार स्टेशन आदि जगह के लोग मब्बी होकर मात्र बारह किमी की दूरी तय कर एम्स पहुंच जाएंगे। शोभन-एकमी बाइपास पर शोभन से पांच किलोमीटर आगे एवं एकमी से छह किलोमीटर पीछे की जमीन पर एम्स निर्माण की मंजूरी मिल गई है।