जानकारी के अनुसार, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने सभी सहायक आयुक्त मद्य निषेध और सभी अधीक्षक मद्य निषेध को पत्र भेजा है। इसमें कई बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है।
इसमें सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षकों को कहा गया है कि, शराब के साथ पकड़ी गाड़ियों की जांच कर लें। उनके मालिकों तक पहुंचने और उनकी संलिप्तता सिद्ध करने की कोशिश करें। ऐसा नहीं करने से कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
इधर, अधीक्षक मद्य निषेध संजय कुमार राय ने बताया कि विभाग की ओर से नया निर्देश जारी किया गया है। शराब के साथ धरे गए वाहन के मालिक अब जांच के बाद ही अभियुक्त बनाए जाएंगे। विभाग के निर्देश पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इसमें कहा गया है कि, अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अवैध शराब के परिवहन में पकड़े गए वाहनों के बगैर जांच एवं सत्यापन के ही उनके मालिक को अभियुक्त बना दिया जाता है। अभियोग दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू की जाती है।
छानबीन के बाद जानकारी मिलती है कि संबंधित वाहन मालिक द्वारा किसी अन्य को बेच दिया गया है। इसके अलावा कई केसों में ऐसे वाहनों के चोरी हो जाने की एफआईआर भी कराई रहती है। वैसी स्थिति में विभाग को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है। 60 से 70 फीसदी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।