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25 नवम्बर, 2024
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Bihar Panchayat Election: 1 कर्मचारी अधिकतम 4 चरणों में ही होंगे तैनात, तैनात होंगी महिला कर्मी भी, जानिए किस प्रतिनिधि का कट चुका पत्ता, कौन अब नहीं बन सकेगा दोबारा मुखिया, कौन अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

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बिहार में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज है। इस बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि एक कर्मचारी अधिकतम 4 चरणों में ही होंगे तैनात। वहीं कितनी महिला कर्मी टेबल पर तैनात रहेंगी यह भी तय हो चुका है। इस बीच किस प्रतिनिधि का कट चुका पत्ता यह भी बड़ा सवाल है कारण, ऐसे जनप्रतिनिध अब नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, पूरी रिपोर्ट

 

पंचायत चुनाव के दौरान एक कर्मचारी को अधिकतम चार चरणों के चुनाव में तैनात किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर्मियों की कमी की दशा में एक मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी, पेट्रोलिंग मैजिस्ट्रेट, माइक्रो ऑब्जर्बर को अधिकतम चार चरणों में ही प्रतिनियुक्त किए जाएंगे।

वहीं, वैसे मुखिया और उप-मुखिया जिनपर पद के दुरुपयोग और कदाचार के आरोप हैं वे 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे लोगों का नॉमिनेशन रद्द कर दिया जाएगा।

पटना में ऐसे 9 मुखिया का नाम सामने आया है जिन पर जून माह में नल-जल योजना में वित्तीय गड़बड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज है।

आयोग ने एक कर्मी को तीन चरणों में ही तैनात करने का निर्देश दिया था। इसके बाद जिलों से कर्मियों की कमी के कारण मात्र तीन चरणों में ही प्रतिनियुक्ति किए जाने में कठिनाई की जानकारी आयोग को दी गयी।

इसके बाद आयोग ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए अधिकतम चार चरणों में कर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है।

इधर, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत जिन मुखिया और उप-मुखिया पर पद का दुरुपयोग करने या कदाचार का आरोप है, प्रमंडलीय आयुक्त या राज्य सरकार द्वारा पद से हटाए गए हों। या सक्षम प्राधिकार अथवा न्यायालय द्वारा इसे स्थगित या रद्द नहीं किया गया हो।

आयोग के अनुसार प्रत्येक मतगणना (ईवीएम से) टेबुल पर एक महिला कर्मी को मतगणना सहायक के रुप में तैनात किया जाएगा। वहीं, इवीएम के मतगणना टेबुल पर एक माइक्रो ऑब्जार्बर महिला या पुरुष अवश्य तैनात किया जाए। आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने यह आदेश जारी किया और इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी आयोग को देने को भी कहा।

वहीं, वैसे लोग पद से हटाए जाने की तिथि से 5 साल तक पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं बन सकेंगे। पटना जिले में ऐसे 9 मुखिया का नाम सामने आया है जिन पर जून माह में नल-जल योजना में वित्तीय गड़बड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज है।

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